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कांग्रेस ने कहा- केंद्र सरकार ने नोटबंदी से लेकर कोरोना लॉकडाउन तक हर बार दिखाई अदूरदर्शिता

रायपुर (गुणनिधि मिश्रा) । छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के संचार विभाग के प्रमुख शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि केंद्र सरकार का यह बयान स्वीकार्य नहीं है कि लॉकडाउन के दौरान घर लौटते ग़रीब मज़दूरों की मौतों का कोई आंकड़ा उपलब्ध नहीं है। उन्होंने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस ग़ैर ज़िम्मेदाराना रवैये के लिए देश से माफ़ी मांगनी चाहिए।

शैलेश ने कहा है कि जिस समय मज़दूर पैदल घर लौटने को मजबूर हुए उस समय देश में आपदा प्रबंधन क़ानून लागू था और केंद्र सरकार हर फ़ैसले ख़ुद ले रही थी। करोड़ों लोगों का रोज़गार छिन गया और आज सरकार कह रही है कि उसके पास कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा है कि प्रधानमंत्री को माफ़ी तो इस बात के लिए भी मांगनी चाहिए कि उन्होंने देश को कोरोना की भयंकर आपदा में धकेल दिया। अगर नरेंद्र मोदी ने बिना सोच विचार किए लॉकडाउन न किया होता और समय रहते एयरपोर्ट को सील कर दिया होता तो आज देश कोरोना की ऐसी भयावह मार न झेल रहा होता।

संचार विभाग प्रमुख ने कहा है कि यह पहला मौक़ा नहीं है जब नरेंद्र मोदी की सरकार ने ऐसा बर्दाश्त न होने वाला झूठ बोला है। इससे पहले नोटबंदी में भी सरकार ने भारत के करोड़ों लोगों को बैंकों के सामने कतार में खड़ा कर दिया और सैकड़ों लोगों की जानें गईं। प्रधानमंत्री ने कहा था कि 50 दिन में सब कुछ ठीक न हुआ तो फांसी चढ़ा देना लेकिन न कालाधन आया, न आतंकवाद और नक्सलवाद ख़त्म हुआ। लाखों व्यापारियों का कारोबार मंदी की चपेट में ज़रूर चला गया।

जीएसटी का ज़िक्र करते हुए उन्होंने कहा है कि दूसरी आज़ादी की तरह जश्न मनाकर जीएसटी लागू किया गया लेकिन आज पता चल रहा है कि दुनिया का सबसे जटिल और निरर्थक जीएसटी लागू करके मोदी ने भारत के मंझोले और छोटे उद्योग और कारोबार की कमर तोड़ कर रख दी है। यही वजह है कि कोरोना के बाद देश की अर्थव्यवस्था 40 प्रतिशत तक सिकुड़ गई है। उन्होंने कहा है कि ऐसा लगने लगा है कि नरेंद्र मोदी ‘अच्छे दिन’ का वादा करके भारतवासियों को सबसे बुरे दिन दिखा रहे हैं।

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