मध्य प्रदेश

एमपी के निवाड़ी कलेक्टर व केंद्रीय मंत्री के करीबी भाजपा नेता सहित 8 पर केस दर्ज, आवासीय-सार्वजनिक जमीन पर दे दी शराब फैक्ट्री के विस्तार की अनुमति …

भोपाल। मध्यप्रदेश के ग्वालियर विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण (साडा) में वर्ष 2016 में किए गए भ्रष्टाचार पर अब लोकायुक्त ने केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के करीबी भाजपा नेता व तत्कालीन साडा अध्यक्ष राकेश जादौन, तत्कालीन सीईओ और वर्तमान में निवाड़ी कलेक्टर तरुण भटनागर सहित 8 लोगों के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है। इन पर अधिकार न होने के बाद भी आवासीय और सार्वजनिक जमीन पर रायरू डिस्टलरी को शराब फैक्ट्री के विस्तार के लिए अनुमति दी थी। आरोप है कि शराब फैक्ट्री को फायदा पहुंचाने के लिए इन्होंने मास्टर प्लान में भी छेड़छाड़ की। जिससे सरकार को करीब एक करोड़ रुपए का चूना लगा है।

सामाजिक व आरटीआई कार्यकर्ता संकेत साहू ने वर्ष 2017 में इस मामले में लोकायुक्त को शिकायत की थी। इस पर लोकायुक्त ने जांच शुरू की। लगभग 5 साल चली जांच में शिकायत सही पाए जाने पर मामला दर्ज कर लिया गया। संकेत साहू द्वारा की गई शिकायत के अनुसार वर्ष 2011 में जिनावली, मिलावली, निरावली की कुल 26.59 हेक्टेयर जमीन को साडा की विकास योजना में आवासीय वाणिज्यिक, सार्वजनिक मार्ग एवं हरित क्षेत्र के लिए शामिल किया गया था।

उक्त भूमि को अधिकार न होने के बाद भी तत्कालीन अध्यक्ष राकेश जादौन और तत्कालीन सीईओ तरुण भटनागर ने रायरू डिस्टलरी को शराब फैक्ट्री के विस्तार के लिए अनुमति दी थी। इस जमीन पर औद्योगिक निर्माण व भवन अनुज्ञा के लिए 1.35 लाख रुपए की फीस जमा कर आवेदन किया गया था। इस आवेदन पर उपयंत्री नवल सिंह द्वारा 7 मई 2016 को 14 लाख 4 हजार रुपए की फीस जमा कराने का प्रस्ताव सीईओ साडा के सामने लाया गया था। इस पर यह शुल्क जमा कराने के लिए पत्र जारी कर दिया गया था।

इसके बाद 10 जून 2016 को यह शुल्क जमा कराने के बाद उपयंत्री, सीईओ और साडा अध्यक्ष के अनुमोदन के लिए प्रस्ताव बनाकर वापस भेजा गया। जिस पर सभी ने अनुमोदन कर दिया, जो कि नियम विरुद्ध है। क्योंकि, यह जमीन साडा की आवासीय वाणिज्यिक, सार्वजनिक मार्ग व हरित क्षेत्र के उपयोग की जमीन थी। इस पर शराब फैक्ट्री के निर्माण की अनुमति देना न तो अध्यक्ष और न ही सीईओ के अधिकार क्षेत्र में था, फिर भी इसकी अनुमति दे दी गई। इसके लिए साडा के मास्टर प्लान में भी छेड़छाड़ की गई, ताकि उन पर कोई सवाल खड़े न कर सके। इससे सरकार को करीब एक करोड़ के राजस्व की हानि हुई।

ग्वालियर में साडा (विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण) का गठन सालों पहले ग्वालियर के एक विशेष क्षेत्र को आवासीय व सार्वजनिक महत्व के लिए विकसित करने के लिए हुआ था, लेकिन न तो यह विशेष क्षेत्र विकसित हुआ न ही यहां शहर के लोग बसे। लेकिन, विकास के नाम पर यहां राजनीतिक पार्टियों ने अपने अध्यक्ष के सहारे खुद का जमकर विकास किया है। इसी के चलते साल 2016 में हुए एक भ्रष्टाचार के मामले में लोकायुक्त ने तत्कालीन साडा अध्यक्ष राकेश सिंह जादौन और तत्कालीन सीईओ तरुण भटनागर जो अभी निवाड़ी कलेक्टर हैं, के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनिमय के तहत मामला दर्ज कर शिकंजा कसा है।

Back to top button