मध्य प्रदेश

मानवीय संवेदनाओं को झकझोर देने वाला मामला…अस्पताल में मां की लाश को छोड़कर भाग गई बेटी, परायों ने किया अंतिम संस्कार …

जबलपुर। मध्यप्रदेश की संस्कारधानी जबलपुर में एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने लोगों की मानवीय संवेदनाओं को झकझोर कर रख दिया। यहां एक महिला की अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई और उसकी बेटी लाश को अस्पताल में ही छोड़कर वापस पंजाब अपने ससुराल लौट गई। जब अस्पताल के स्टाफ ने उसे फोन किया तो उसने जो जवाब दिया वह हैरान कर देने वाला था। बेटी बोली- मां की लाश को लाने में 50 हजार रुपए खर्च होते इसलिए लाश अस्पताल में ही छोड़कर आ गई और अब वापस नहीं आ सकती। बताया गया है कि महिला का एक बेटा और तीन बेटियां हैं, लेकिन किसी ने भी मां के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए हामी नहीं भरी।

मृत बुजुर्ग महिला का नाम रुक्मणी कौर है, उसके पति एक्स आर्मी मैन थे। करीब दो महीने पहले रुक्मणी को उनकी बेटी पूनम कौर तबीयत बिगड़ने पर जबलपुर के आर्मी अस्पताल लेकर पहुंची थी, जहां उन्हें एडमिट किया गया था। जांच के बाद पता चला कि रुक्मणी को गैंगरीन की बीमारी है, जिसका इलाज जबलपुर में नहीं हो पाएगा।

इसके बाद पूनम ने मां को जिला अस्पताल में भर्ती करा दिया, जहां इलाज के दौरान रुक्मणी की मौत हो गई। मां की मौत होने के बाद बेटी पूनम मां की लाश को अस्पताल में ही छोड़कर अपने ससुराल पंजाब लौट गई। महिला की मौत के बाद पहले तो अस्पताल प्रबंधन ने उसके परिजन की तलाश की, लेकिन जब कोई नहीं मिला तो रिकॉर्ड खंगालकर पूनम का मोबाइल नंबर निकाला।

अस्पताल प्रबंधन ने पूनम को फोन कर मां की लाश ले जाने के लिए कहा, तो पूनम ने कहा कि मां की लाश को लाने में 50 हजार रुपए खर्च होंगे, इसलिए वह लाश को जबलपुर में ही छोड़कर आ गई थी और अब वापस नहीं आएगी। पूनम ने कुछ और रिश्तेदारों के नंबर भी दिए, जिनसे अस्पताल प्रबंधन ने संपर्क किया, लेकिन किसी ने भी रुक्मणी के शव को ले जाने की इच्छा जाहिर नहीं की।

रुक्मणी के बेटे और अन्य दो बेटियों ने भी तरह-तरह के बहाने बनाकर मां की लाश लाने से इंकार कर दिया। जब इस बात का पता गरीब नवाज कमेटी को चला तो उन्होंने मृतका रुक्मणी कौर के अंतिम संस्कार की जिम्मेदारी ली और पूरे रीति-रिवाज के साथ उनका अंतिम संस्कार किया।

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