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17 से 20 मई के बीच शुरू हो जाएगा बड़ा बदलाव, जो पैदा करेगा देश के लिए फायदेमंद मॉनसूनी सीजन

नई दिल्ली

देश के कुछ राज्यों में भयानक गर्मी हो रही है. उधर समुद्री सतह का तापमान भी बढ़ा हुआ है. समंदर के सतह की गर्मी ऊपर की ओर बढ़ रही है. यानी देश के उत्तरी इलाकों की तरफ. बंगाल की खाड़ी के दक्षिण पश्चिम और दक्षिण पूर्व में तापमान 31 से 32 डिग्री सेल्सियस चल रहा है. यही हालात अंडमान सागर के भी हैं.

अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के पास समुद्री सतह का तापमान अत्यधिक 32 डिग्री सेल्सियस पर चल रहा है. समंदर के इतना गर्म होने का असर मॉनसून और बारिश के मौसम पर पड़ेगा. इससे समुद्री जीवन भी प्रभावित होगा. मुसीबत ये है कि इससे बंगाल की खाड़ी के ट्रॉपिकल सिस्टम पर बुरा प्रभाव पड़ेगा.

कुछ दिन पहले ही बंगाल की खाड़ी के पूर्वी इलाके में पर डीप एटमॉस्फियरिक कन्वेक्शन देखने को मिला है. यानी भूमध्यरेखा से आने वाले मौसमी हवाओं का सामना बंगाल की खाड़ी के कन्वेक्शन से तेजी से हो रहा है. इसकी वजह से बहुत ज्यादा मात्रा में नमी बनेगी. ये लगातार बढ़ती चली जाएगी. इससे वायुमंडलीय बदलाव होगा. इस इलाके के आसापास जलवायु परिवर्तन होगा, वो भी बेहद तेजी से.

17 मई से शुरू होगा मॉनसून का जन्म

माना जा रहा है कि 17 मई 2024 को बंगाल की खाड़ी के दक्षिणी हिस्से में मॉनसून का जन्म होगा. मॉनसून के एक वायुमंडलीय क्रॉस-इक्वेटोरियल फ्लो है. इसी से शुरूआत होती है मॉनसून की. फिर यह अंडमान और निकोबार द्वीप समूह से विकसित होकर दक्षिण-पूर्व खाड़ी की तरफ फैलता है.

बंगाल की खाड़ी के लिए 20 मई जरूरी

20 मई 2024 तक बंगाल की खाड़ी में इसकी वजह से ट्रॉपिकल सिस्टम विकसित हो जाएगा. इससे आसपास के इलाकों में जलवायु परिवर्तित होगा. अलग-अलग समय पर लेकिन तेज बारिश आ सकती है. जो बंगाल की खाड़ी की तरफ से बढ़ते हुए भारत की जमीन की तरफ बढ़ेगा. इसके अलावा देश की मुख्य जमीन पर मौसमी हरकतें शुरू होंगी. समुद्री सतह के बढ़ते तापमान की वजह से दक्षिण भारत का मौसम तेजी से बदलेगा.

मॉनसून की दिशा में होगा मामूली बदलाव!

लगातार समुद्री सतह का तापमान बढ़ा हुआ है. इसके अलावा बंगाल की खाड़ी के ऊपर वायुमंडलीय स्थितियां ठीक नहीं हैं. उनमें भी तेजी से बदलाव हो रहा है. देश में कई स्थानों पर स्थानीय स्तर मौसम बदला हुआ है. इस बार जो सबसे बड़ा बदलाव है, वो ये है कि देश के दक्षिणी हिस्से में आने से पहले मॉनसून बंगाल की खाड़ी के पूर्वी हिस्से की तरफ बढ़ जाए.

मॉनसून से पहले कई स्थानों पर बारिश

लेकिन यह घुमाव फिर से सही हो जाएगा, क्योंकि समुद्री सतह का तापमान और वायुमंडलीय बदलाव बंगाल की खाड़ी और उसके आसपास के इलाकों लोकल लेवल पर मौसम बदलेंगे. इससे कुछ स्थानों पर मॉनसून से पहले बारिश हो सकती है. लेकिन इनमें बदलाव भी हो सकता है.

 

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