धर्म

इन शुभ मुहूर्तों में करें भैरव बाबा की पूजा- अर्चना, होगा लाभ…

आज काल भैरव जयंती है। हर साल मार्गशीर्ष माह में कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर काल भैरव जयंती मनाई जाती है। काल भैरव भगवान शिव के रौद्र अवतार हैं। काल भैरव की अराधना करने से शत्रुओं से मुक्ति मिलती है और दुख- दर्द दूर होते हैं। हिंदू धर्म में शुभ मुहूर्त में पूजा करने का बहुत अधिक महत्व होता है। इस पावन दिन श्री काल भैरव स्तोत्र का पाठ जरूर करना चाहिए। श्री काल भैरव स्तोत्र का पाठ करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है।

श्री काल भैरव स्तोत्र

नमो भैरवदेवाय नित्ययानंदमूर्तये ।। विधिशास्त्रान्तमार्गाय वेदशास्त्रार्थदर्शिने ।।1।।

दिगंबराय कालाय नमः खट्वांगधारिणे ।। विभूतिविलसद्भालनेत्रायार्धेंदुमालने ।।2।।

कुमारप्रभवे तुभ्यं बटुकायमहात्मने ।। नमोsचिंत्यप्रभावाय त्रिशूलायुधधारिणे ।।3।।

नमः खड्गमहाधारहृत त्रैलोक्य भीतये ।। पूरितविश्वविश्वाय विश्वपालाय ते नमः ।।4।।

भूतावासाय भूताय भूतानां पतये नम ।। अष्टमूर्ते नमस्तुभ्यं कालकालाय ते नमः ।।5।।

कं कालायातिघोराय क्षेत्रपालाय कामिने ।। कलाकाष्टादिरूपाय कालाय क्षेत्रवासिने ।।6।।

नमः क्षेत्रजिते तुभ्यं विराजे ज्ञानशालने ।। विद्यानां गुरवे तुभ्यं विधिनां पतये नमः ।।7।।

नमः प्रपंचदोर्दंड दैत्यदर्प विनाशने ।। निजभक्त जनोद्दाम हर्ष प्रवर दायिने ।।8।।

नमो जंभारिमुख्याय नामैश्वर्याष्टदायिने ।। अनंत दुःख संसार पारावारान्तदर्शिने ।।9।।

नमो जंभाय मोहाय द्वेषायोच्याटकारिणे ।। वशंकराय राजन्यमौलन्यस्त निजांध्रये ।।10।।

 नमो भक्तापदां हंत्रे स्मृतिमात्रार्थ दर्शिने ।। आनंदमूर्तये तुभ्यं श्मशाननिलयाय् ते ।।11।।

 वेतालभूतकूष्मांड ग्रह सेवा विलासिने ।। दिगंबराय महते पिशाचाकृतिशालने ।।12।।

 नमोब्रह्मादिभर्वंद्य पदरेणुवरायुषे ।। ब्रह्मादिग्रासदक्षाय निःफलाय नमो नमः ।।13।।

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