मध्य प्रदेश

आरा मशीनों की शिफ्टिंग का काम अटका नामांतरण के बाद शिफ्ट करेगा डीआईसी

भोपाल

मेट्रो प्रोजेक्ट का काम लगातार लेटलटीफी का शिकार हो रहा है। कुछ महीने पहले भोपाल मेट्रो प्रोजेक्ट का ट्रायल का काम होने के बाद अब स्थायी तौर पर मेट्रो ट्रेन चलाने की कवायद शुरू हो गई है। वहीं, दूसरी तरफ भूमिगत मेट्रो की राह में रोड़ा बनी आरा मशीनों की शिफ्ंिटग का काम अब भी अटका हुआ है। तत्कालीन  ने इस संबंध में तेजी से काम किया था, लेकिन विस चुनाव के कारण यह मामला पूरी तरह से ठप हो गया था। अब एक बार फिर लोस चुनाव से आरा मशीनों की शिफ्टिंग का काम में शासकीय प्रक्रियाओं के कारण अटक गया है।

48 साल से अटकी आरा मशीन शिफ्टिंग योजना
शहर के ऐशबाग क्षेत्र की सबसे बड़ी आरा मशीन शिफ्टिंग योजना 48 साल से लटकती आ रही है। इसे अब परवलिया सड़क स्थित रातीबड़ में जगह मिल गई है। कारोबारियों की सहमति के बाद कलेक्टर ने राजस्व अधिकारियों को सर्वे रिपोर्ट सौंपी थी, जिसके परिणाम स्वरूप यहां कुल 45 एकड़ जमीन का शासकीय रकबा आरा मशीन के लिए चिह्नित किया गया है, जिसे जिला प्रशासन ने उद्योग केंद्र को सौंप दिया है।

चुनाव से फिर फंसेगा मामला
अब तक जिला उद्योग केंद्र को न तो परवलिया सड़क के पास रातीबड़ की जमीन का नामांतरण हो पाया है और न ही जमीन का पजेशन मिल पाया है। वहीं, आने वाले दिनों में लोकसभा चुनाव होने हैं। यदि कुछ दिनों में यह काम नहीं हुआ और चुनाव की आचारसंहिता लागू हो गई, तो एक बार फिर आरा मशीनों की शिफ्टिंग का काम जून तक खिसक जाएगा। करीब नौ महीने पहले कलेक्टर ने नगर निगम प्रशासन को निर्देश दिए थे। जिला प्रशासन ने आरा मशीनों को शिफ्ट करने के लिए परवलिया सड़क के पास रातीबड़ में जमीन भी आरक्षित कर दी है, लेकिन अब तक यह काम नहीं हो पाया है।

शहर में हैं करीब 175 आरा मशीनें
भोपाल की लगभग 175 आरा मशीनों को बाहर शिफ्ट करने की योजना वर्ष 1975 में आए भोपाल के पहले मास्टर प्लान से चली आ रही थी। शहर के बीच रेलवे लाइन के पास संचालित हो रहे इस व्यवसाय को खतरनाक माना गया था। वर्ष 2007 में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इनकी शिफ्टिंग की घोषणा की थी।

आरा मशीनों की शिफ्टिंग का काम जिला उद्योग केंद्र को करना है। दस्तावेज सहित जगह आवंटन की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। आरा मशीन शिफ्टिंग की फाइल बुलाकर जल्द ही काम करवाया जाएगा।
 – आशुतोष शर्मा, एसडीएम, हुजूर

जिस जगह यानी रातीबड़ गांव में आरा मशीनों को शिफ्ट किया जाना है, उस जमीन का अब तक नामांतरण नहीं हो पाया है। पजेशन मिलते ही शिफ्टिंग की प्रक्रिया शुरू कराने का काम होगा।
कैलाश मानेकर, जीएम, डीआईसी

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