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मांगी रैली की इजाजत , तो लिखी आपत्तिजनक बातें, EC ने कहा- हैक हो गई थी वेबसाइट

कैथल

हरियाणा के कैथल में चुनाव आयोग की वेबसाइट को हैक करने का मामला सामने आया है, जिसमें आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता द्वारा रैली के आयोजन के लिए जिला प्रशासन से प्रशासनिक अनुमति मांगी थी. AAP के आवेदन को रिजेक्ट करके उसपर आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया गया.

इसके साथ ही दूसरे सर्टिफिकेट पर हीरोइन की फोटो लगाकर आवेदन को रद्द कर दिया. अब इस मामले में जिला प्रशासन ने संज्ञान लेते हुए एआरओ ब्रह्म प्रकाश ने तुरंत प्रभाव से पांच कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है और इस मामले की जांच के लिए उन्होंने पुलिस को पत्र लिखा है.

प्रशासन ने दी थी कर्मचारियों को ट्रेनिंग

दरअसल, लोकसभा चुनाव में आचार संहिता की पालना करते हुए सभी राजनीतिक दलों को कोई भी रैली या सभा का आयोजन करने से पहले जिला प्रशासन से इसकी ऑनलाइन अनुमति लेनी होती है. इसके लिए चुनाव आयोग ने ECore वेबसाइट भी लॉन्च की हुई है. जिसकी मदद से ये पूरी प्रक्रिया चल रही है. चुनाव के मद्देनजर दो दिन पहले ही जिला प्रशासन द्वारा कर्मचारियों को इसकी ट्रेनिंग भी दी गई थी.

बताया जा रहा है कि यह पासवर्ड कार्यालय के ही किसी कर्मचारी ने बाहर शेयर किया है या फिर उसने ही ये हरकत की है.

पुलिस कर रही है मामले की जांच: ARO

वहीं, मामले के बारे में जानकारी देते हुए एआरओ ब्रह्म प्रकाश ने कहा कि यह मामला जब उनके संज्ञान में आया तो उन्होंने तुरंत प्रभाव से जिम्मेदार पांच कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया. जिम कर कंप्यूटर ऑपरेटर वह एक जूनियर इंजीनियर है. इसके साथ ही उन्होंने अज्ञात के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए पुलिस को पत्र लिखा है. इस पूरे मामले की जांच पुलिस द्वारा की जाएगी.

इस मामले पर बोलते हुए हरियाणा के उपाध्यक्ष अनुराग ढांडा ने कहा चुनाव की निष्पक्षता चुनाव आयोग पर निर्भर करती है और लोकतंत्र के लिए एक निष्पक्ष चुनाव आयोग ज़रूरी है. आम आदमी पार्टी ने अपने अपने कार्यक्रमों के लिए कैथल डिस्ट्रिक्ट में हमने आवेदन किया था, जिसमें जवाब में हमें आपत्तिजनक बातें कहीं गई और परमिशन रिजेक्ट कर दी गई.

हम यह पूछना चाहते हैं, क्या पूरे देश में चुनाव आयोग के दफ्तरों में भारतीय जनता पार्टी के लिए जनता पार्टी के IT सेल के लोग और बीजेपी के एजेंट चुनाव आयोग के दफ्तर चला रहे हैं. क्या किसी पार्टी के द्वारा आवेदन करने पर इस तरह का व्यवहार शोभनीय है.

उन्होंने आप नेता आतिशी के मामले का जिक्र करते हुए कहा, क्या भारतीय जनता पार्टी चुनाव आयोग के नोटिस तय करती है. हमें इस तरह के इन्सिडेंट से चंडीगढ़ मेयर चुनाव याद आ गया. जिस तरह से वहां चुनाव अधिकारी नियुक्त किए गए थे और चुनाव हैंडल हुआ बिल्कुल उसी तरह से चुनाव अधिकारी के रेस्पॉन्स में हमें नजर आ रहा है. हम हरियाणा चुनाव आयोग और राष्ट्रीय चुनाव आयोग से इस मामले में तुरंत दखल देने का आग्रह कर रहे हैं.

 

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