नई दिल्ली

पुजारी ने मासूम बच्चों को गर्म सलाखों से दागा, सर्दी-जुकाम होने पर इलाज के नाम पर दिया ये दर्द, हालत बिगड़ने पर अस्पताल में भर्ती…

नई दिल्ली। आज के वैज्ञानिक युग में भी लोग पूजा-पाठ, मंदिर-मस्जिद में पड़ें हुए है। इसी धार्मिकता का असर है कि लोग पढ़े लिखे होने के बाद भी देवी-देवता के फेर में पड़ जाते हैं और अपने बच्चों को मौत के मुंह में धकेल देते हैं। ऐसा ही एक मामला मध्यप्रदेश के झाबुआ से सामने आया है। जिन्हें पुजारी ने अपनी दैवीय शक्ति का परिचय कराने बच्चों पर असहनीय जुल्म किया।

बच्चों की हालत बिगड़ने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इन सभी बच्चों के सीने और पेट पर गर्म सलाखों से दागने के निशान हैं। दरअसल, बीमार होने पर इलाज के नाम पर पुजारी ने ये दर्द मासूम बच्चों को दिया है।

जिला अस्पताल में 7 महीने के अजय, 2 महीने के मेशरा और 6 महीने के कृष्णा को भर्ती कराया गया है। जो झाबुआ जिले के ग्राम पिपलियाखदान, हड्मतिया व समौई गांव के रहने वाले हैं। इनके परिजनों ने बताया कि सर्दी जुखाम हो जाने के बाद इन बच्चों को निमोनिया हो गया था। 20 दिन तक घरेलू उपचार किया लेकिन ठीक नहीं हुए तो बच्चों को एक मंदिर के पुजारी के पास ले गए। जहां पुजारी ने इसे डामना बीमारी का नाम देते हुए तीनों बच्चों के पेट पर गर्म सलाखों से दाग दिया।

दागने के बाद इन मासूम बच्चों की हालत और बिगड़ गई। जिसके बाद परिजन जिला अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने पीआईयू वार्ड में भर्ती कर उनका इलाज कर रहे हैं। बता दें कि इससे पहले शहडोल जिले में भी इस तरह के कई मामले सामने आ चुके हैं, कई मासूम बच्चों की मौत भी हो चुकी है।

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