छत्तीसगढ़

वैज्ञानिक सोच विकसित करने में शिक्षा संस्थानों की महत्वपूर्ण भूमिका, छत्तीसगढ़ विज्ञान सभा द्वारा विज्ञान दिवस पर सेमिनार का आयोजन …

रायपुर। छत्तीसगढ़ विज्ञान सभा के अध्यक्ष प्रो. एम.एल. नायक और विज्ञान सभा के कार्यकारी अध्यक्ष विश्वास मेश्राम ने भी सम्बोधित किया। एंथ्रोपोलॉजी डिपार्टमेंट के अध्यक्ष, प्रोफेसर अशोक प्रधान ने विज्ञान दिवस कार्यक्रम आयोजित किए जाने की जरूरत पर विस्तार से बताया और विज्ञान के प्रचार प्रसार में यूनिवर्सिटी के द्वारा किए जा रहे कामों की जानकारी दी। कार्यक्रम की शुरुवात में सेंटर फॉर बेसिक साइंसेज के विद्यार्थियों ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी।  

छत्तीसगढ़ विज्ञान सभा को संबोधित करते हुए एस्ट्रो फिजिक्स के प्रोफेसर और पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डॉ एस के पांडेय ने कहा कि आज वैज्ञानिक दृष्टिकोण के प्रचार-प्रसार की जरूरत है। विद्यार्थियों में वैज्ञानिक सोच विकसित संस्थानों की महत्वपूर्ण भूमिका है। प्रो. पाण्डेय राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर छत्तीसगढ़ विज्ञान सभा और पं रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के एंथ्रोपोलॉजी डिपार्टमेंट द्वारा आयोजित सेमिनार को सम्बोधित कर रहे थे।

प्रो. पाण्डेय ने सेमिनार में कहा कि आजादी मिलते ही, देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने देश में शिक्षा और विज्ञान को बढ़ावा देने के लिए विश्वस्तरीय संस्थानों का निर्माण कराया। पंडित जवाहरलाल नेहरू ने कहा था कि वही देश विकास कर सकता है जो विज्ञान को साथ लेकर चलेगा। इस दिशा में उन्होंने देश में पांच आईआईटी की स्थापना के साथ ही नेशनल फिजिक्स लैब, नेशनल केमिस्ट्री लैब, रीजनल रिसर्च लेबोरेटरी, इसरो जैसे उच्च स्तरीय वैज्ञानिक संस्थान और साइंस एंड टेक्नोलॉजी डिपार्टमेंट जैसे विभागों का गठन भी किया। हर साल वे नेशनल साइंस कांग्रेस के उद्घाटन सत्र में भाग लेते थे और वैज्ञानिकों को बेहतर खोजों के लिए प्रोत्साहित करते थे।

प्रो. पाण्डेय ने विज्ञान के विकास में प्रसिद्ध वैज्ञानिकों आर्यभट्ट, चरक, न्यूटन, कापरनिकस, गेलेलियों, आइंस्टीन और जगदीश चंद्र बसु, सत्येंद्र नाथ बोस, मेघनाथ साहा, सी वी रमन आदि वैज्ञानिकों का स्मरण किया और उनके कार्यों को याद किया। उन्होंने कहा कि इस वर्ष इंटरनेशनल ईयर फॉर बेसिक साइंसेज फॉर सस्टेनेबल डेवलपमेंट’ के रूप में मनाया जा रहा है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए पं रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो के एल वर्मा ने कहा कि हमारे देश में अवसरों की कमी नहीं है। हमें आज वैज्ञानिक सोच को जन-जन तक पहुंचाने की जरूरत है।

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