मध्य प्रदेश

अनुशासनात्मक कार्यवाही का फैसला भी रिटायरमेंट से पहले होगा

भोपाल

मध्यप्रदेश में सेवानिवृत्त होने वाले शासकीय सेवकों की विभागीय जांच अब उनके रिटायर होने से पहले पूरी की जाएगी। जांच के बाद अनुशासनात्मक कार्यवाही का फैसला भी रिटायरमेंट से पहले हो जाएगा। इसके लिए अब राज्य  सरकार ने तीन आईएएस अफसरों की समिति गठित की है। इसमें विधि विभाग के सचिव को भी शामिल किया गया है।

प्रदेश में कई सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों की विभागीय जांच चलती रहती है और वे रिटायर हो जाते है तब भी यह जांच पूरी नहीं हो पाती। इसके चलते सरकारी अधिकारी और कर्मचारी न केवल अनुशासनात्मक कार्यवाही से बचे रहते है बल्कि उनकी पेंशन और अन्य स्वत्वों का भुगतान भी अटका रहता है। प्रदेश में ऐसे हजारों मामले लंबित चल रहे है। अब सरकार ने ऐसे मामलों में तेजी लाने के लिए सामान्य प्रशासन विभाग के अपर मुख्यसचिव विनोद कुमार, नर्मदा घाटी विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव राजेश राजौरा और राजस्व विभाग के प्रमुख सचिव निकुंज श्रीवास्तव की एक संयुक्त समिति गठित कर दी है। इसमें विधि एवं विधाई कार्य विभाग के सचिव उमेश पांडव की भी मदद ली जाएगी।

यह समिति  एक सप्ताह के भीतर मुख्य सचिव को प्रतिवेदन पेश करेगी। सेवानिवृत्त हो चुके शासकीय अफसरों की प्रचलित विभागीय जांच पर भी तत्काल कार्यवाही कर निराकरण किया जाएगा। वहीं जो अफसर सेवानिवृत्त होंने वाले है उनकी विभागीय जांच के मामले उनके रिटायरमेंट से पहले निराकृत किए जाएंगे।

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