नई दिल्ली

आवारा कुत्तों ने निकाल दिया मासूम के शरीर से मांस, नोंच-नोंच कर उतारा मौत के घाट, कुत्तों की हो रही नसबंदी….

हैदराबाद । आवारा कुत्तों का खौफ दिन ब दिन बढ़ता ही जा रहा है। हालात यह है कि सूनसान स्थानों पर छोटे बच्चे अकेले नहीं निकल पा रहे है। बच्चों को अकेला पाकर कु़त्तों का झुंड उन्हें अपना शिकार बना रहा है। इस तरह के मामले देशभर से सामने आ रहे हैं। जानकारों का कहना है कि आवारा कुत्तों के हमले की एक बड़ी वजह उन्हें खाना नहीं मिलना है। स्वच्छ भारत अभियान के तहत कुत्तों का खाना सड़कों से हटा दिया जा रहा है। जिससे ये आवारा कुत्ते भूख से व्याकुल होकर बच्चों पर हमला कर रहे हैं।

तेंलगाना के वारंगल में दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। दरअसल, वारंगल में कुत्तों के आतंकी की खौफनाक घटना सामने आई है। कुत्तों ने एक मासूम को नोच खाया। आठ साल के एक बच्चे पर आवारा कुत्तों ने हमला कर दिया जिससे उसकी मौत हो गयी। यह घटना काजीपेट रेलवे क्वार्टर के पास शुक्रवार सुबह हुई।

सत्तारूढ़ बीआरएस विधायक डी विनय भास्कर ने संवाददाताओं को बताया कि जिस लड़के के माता-पिता रोजी-रोटी की तलाश में उत्तर प्रदेश से आए थे, उस पर कुत्तों ने उस समय हमला कर दिया जब वह शुक्रवार सुबह काजीपेट रेलवे स्टेशन पर शौच के लिए गया था। घटना उस समय हुई जब लड़के के माता-पिता एक दुकान पर गए हुए थे। आवारा कुत्तों ने मासूम को बुरी तरह से नोंच-नोंच कर खा लिया।

आठ साल के मासूम ने अस्पताल ले जाने से पहले ही दम तोड़ दिया था। जानकारी के मुताबिक, पीड़ित की पहचान उत्तर प्रदेश के प्रवासी मजदूर के बेटे छोटू के रूप में हुई है। बच्चे के माता-पिता उसे खून से लथपथ देखकर स्तब्ध रह गए और फूट-फूट कर रोने लगे। विनय भास्कर ने लड़के के माता-पिता से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि प्रशासन उनकी हर संभव मदद करेगा।

भास्कर ने बताया कि शहर में कुत्तो का बढ़ता हुआ आतंक देखते हुए ही उनकी नसबंदी की जा रही है। उन्होंने कहा कि यह दर्दनाक है कि ऐसी घटना हुई है। पिछले फरवरी में तेलंगाना में सदमे की लहर भेजने वाली एक दर्दनाक घटना में चार साल के एक बच्चे को आवारा कुत्तों ने मार डाला था, जिस पर लोगों ने अपना गुस्सा जाहिर किया था। हैदराबाद में 19 फरवरी को आवारा कुत्तों के झुंड ने एक चार साल के बच्चे को नोच-नोच कर मार डाला था। दिल दहला देने वाली यह घटना एक कार सर्विसिंग सेंटर में हुई थी, जहां लड़के के पिता चौकीदार के रूप में काम कर रहे थे।

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