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पीएम मोदी हमेशा से ही वीआईपी कल्चर के खिलाफ रहे, ‘मोदी भरोसा’ नाम के एक्स अकाउंट पर एक वीडियो शेयर किया गया

नई दिल्ली
नरेंद्र मोदी सरकार ने अपने पहले ही कार्यकाल के दौरान वीआईपी कल्चर को खत्म करने पर जोर दिया। पीएम मोदी हमेशा से ही वीआईपी कल्चर के खिलाफ रहे हैं। कई मौकों पर पीएम मोदी आम व्यक्ति की तरह मेट्रो में सफर करते हुए या फिर सड़कों पर जरूरतमंदों के लिए अपना काफिला रोककर, पहले उन्हें जाने देते हैं। दरअसल, 'मोदी भरोसा' नाम के एक्स अकाउंट पर एक वीडियो शेयर किया गया है। जिसमें पीएम मोदी वीआईपी कल्चर खत्म करने के अपने आह्वान और प्रयास को आगे बढ़ाते नजर आ रहे हैं।

वीडियो में पीएम मोदी बता रहे हैं कि जब उनकी मां हीरा बेन का 100 साल की आयु में निधन हुआ था, तो उनका इलाज गुजरात के एक सरकारी अस्पताल में हुआ था। इलाज के दौरान ही सरकारी अस्पताल में उनका देहांत हो गया था। इसके अलावा पीएम मोदी की मां हीराबेन की अंत्येष्टि भी सरकारी श्मशान में साधारण तरीके से की गई थी। इसके लिए किसी भी तरह के वीआईपी कल्चर या कोई राजनेताओं का मेला भी नहीं लगा था।

कोरोना वायरस के खिलाफ टीकाकरण अभियान के बारे में बात करते हुए पीएम मोदी ने बताया है कि वह जल्दी कोविड टीका लगवा सकते थे। लेकिन, उन्होंने अपने नंबर का इंतजार किया। पीएम मोदी ने कहा कि मैं जल्दी वैक्सीन लगवा सकता था। लेकिन, मैंने इसे तभी लगाने का फैसला किया, जब मेरा नंबर आएगा। रिपब्लिक डे समारोह के दौरान वीआईपी संस्कृति खत्म करने पर पीएम मोदी ने कहा है कि सेंट्रल विस्टा का निर्माण करने वाले श्रमिकों और कामगारों को इस अवसर पर विशेष अतिथि बनाया गया।

यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह के बारे में बात करते हुए पीएम मोदी कहते हैं कि उन्होंने हमेशा उन आयोजनों में गरीब बच्चों की भागीदारी की वकालत की है। पीएम मोदी ने कहा कि मैं आयोजकों से कहता हूं कि दीक्षांत समारोह में पहली 50 सीट मेरे गेस्ट के लिए चाहिए। मैं यूनिवर्सिटी के आस-पास में रहने वाले झुग्गी-झोपड़ियां जो होती है, वहां जो स्कूल होती है उन बच्चों को दीक्षांत समारोह में बैठाता हूं। मेरा यही संस्कार है।

बता दें कि पीएम मोदी ने केंद्र की सत्ता पर विराजमान होने के साथ ही वीआईपी कल्चर को खत्म करने का काम किया। उन्होंने बड़े मंत्रियों और अधिकारियों की गाड़ियों से लाल बत्ती कल्चर को समाप्त किया। 2017 में ही अपने 'मन की बात' कार्यक्रम में ईपीआई (प्रत्येक व्यक्ति महत्वपूर्ण है) संस्कृति के साथ वीआईपी संस्कृति को समाप्त करने का आह्वान किया था।

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