नई दिल्ली

पीएम मोदी के जन्मदिन पर तोहफे में नामीबिया के कूनो आई चीता ‘आशा’ है प्रेग्नेंट, देश में चीतों की आबादी बढ़ने की जगी उम्मीद …

भोपाल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर तोहफे में नामीबिया से कूनो आई चीता ‘आशा’ “उम्मीद” से है। ऐसे में भारत में चीतों के परिवार का “विकास” होने की बात कही जा रही है। इस खबर के सामने आने के बाद से भाजपाइयों में खुशी की लहर है। दो हफ्ते पहले नामीबिया से 8 चीतों में एक मादा चीता को पीएम मोदी ने आशा नाम दिया था। आशा ने गर्भवती होकर इस प्रोजेक्‍ट की सफलता की पहली उम्‍मीद बांध दी है। दरअसल, चीतों की देखरेख कर रही टीम के अधिकारियों के अनुसार आशा में वह सभी प्रकार के लक्षण दिखाई दे रहे हैं जो गर्भवती मादा चीते में होते हैं। बता दें कि आशा की उम्र साढ़े तीन साल बताई गई है। आशा के इस गुड न्यूज के बाद वन अधिकारियों में उम्मीद जगी है कि जल्द चीतों की आबादी देश में बढ़ेगी।

चीता कंजर्वेशन फंड (सीसीएफ) के कार्यकारी निदेशक लॉरी मार्कर ने कहा कि अगर आशा गर्भवती है। तो यह उसका पहला मौका है। ऐसे में माना जा रहा कि नामीबिया में ही ऐसा हुआ, उसे जंगल में देखा गया था। अगर उसके पास शावक होंगे। तो हमें उसे प्राइवेसी और शांत माहौल देना होगा। उसके आस-पास कोई भी नहीं होना चाहिए। इसके साथ ही उसके बाड़े में खाने-पीने की पूरी व्यवस्था होनी चाहिए।

वहीं, कुनो में निगरानी कर रहे अधिकारियों का कहना है कि ‘आशा’ के गर्भवती होने के सभी संकेत नजर आ रहे हैं। उसके व्यवहारिक, शारीरिक और हार्मोनल बदलाव से प्रेग्नेंसी की पुष्टि हो रही। साथ ही चीता प्रोजेक्ट से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि अभी तक के संकेत से हम उत्साहित हैं लेकिन हमें यह सुनिश्चित करने के लिए अक्टूबर के आखिर तक इंतजार करना होगा।

अधिकारियों का कहना है कि आशा जंगल से होकर आई है, ऐसे में ऐसा हो सकता है कि वह गर्भवती है। अगर ये सच है तो यह चीता प्रोजेक्ट के लिए बेहद अहम जाता है। साथ ही आशा के तनाव को कम करने के लिए खाली जगह और शांत माहौल की जरूरत होगी। जिससे वह अपने शावकों के पालन-पोषण पर ध्यान केंद्रित कर सके। बता दें कि अगर आशा शावकों को जन्म देती है तो नामीबिया से आए आठ चीतों के बाद यह एक और उपहार होगा।

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