लेखक की कलम से
जिंदगी होती है अनमोल …
जिंदगी होती अनमोल बड़ी है…..
बाकी सब कुछ धोखा है……
जी लो इसको खुश होकर……
प्रभु का यह अद्भुत तोहफा है……..
आगे बढ़ता चलता चल तू…….
क्या पता फिर आए न कल……
जीवन तो एक बुलबुला है……
माटी में मिल जाना है……..
जी लो इसको खुश होकर……..
प्रभु का
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हँसना-रोना, आना-जाना दो पल का…….
सब फिर खो जाना……..
जीवन को चंदन सी खुशबू
सा बिखराना है…….
जी लो इसको खुश होकर………
प्रभु का
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हवा के झोंके सा जियो जीवन…………
लहरों के पानी जैसा जीवन…….
न कुछ लेते, सब कुछ देते……..
यह ही सच्चा गहना है…….
जी लो इसको खुश होकर……..
प्रभु का अद्भुत तोहफा है……..
©संगीता अग्रवाल, आगरा
परिचय : कहानी लेखन, भजन-गीत, विभिन्न समाचार पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशन, आकाशवाणी से कविता पाठ। जीवननिधि, हिचकी, लोकस, जीनियस और अचिवर किताबों में।