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बोइंग सुकन्या प्रोग्राम से एविएशन सेक्टर में देशभर से और अधिक लड़कियों की एंट्री में मदद देना

नई दिल्ली
 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने  बेंगलुरु में विमान बनाने वाली दुनिया की दिग्गज कंपनी बोइंग के परिसर का उद्घाटन किया। बोइंग इंडिया इंजीनियरिंग ऐंड टेक्नॉलजी सेंटर (BIETC) अमेरिका से बाहर बोइंग का किसी भी देश में अबतक का सबसे बड़ा परिसर है। इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने बोइंग सुकन्या प्रोग्राम को भी लॉन्च किया। आखिर क्या है ये प्रोग्राम और इससे किस तरह लड़कियों को होगा फायदा, आइए विस्तार से समझते हैं।

बोइंग सुकन्या प्रोग्राम क्या है?
बोइंग सुकन्या कार्यक्रम का उद्देश्य देश के बढ़ते एविएशन सेक्टर में देशभर से और अधिक लड़कियों की एंट्री में मदद देना है। ये कार्यक्रम पूरे भारत की लड़कियों और महिलाओं को विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित (STEM) क्षेत्रों में महत्वपूर्ण कौशल सीखने और एविशन सेक्टर में नौकरियों के लिए प्रशिक्षण पाने के मौके मुहैया करेगा। इस प्रोग्राम के तहत, लड़कियों के लिए STEM (साइंस, टेक्नॉलजी, इंजीनियरिंग और मैथ) करियर में रुचि जगाने में मदद करने के लिए ये 150 जगहों पर 'स्टेम लैब' बनाए जाएंगे। यह कार्यक्रम पायलट बनने के लिए प्रशिक्षण ले रहीं महिलाओं को छात्रवृत्ति भी प्रदान करेगा।

दुनिया में सबसे ज्यादा महिला पायलट भारत में
प्रधानमंत्री मोदी ने हर क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के सरकार के प्रयासों पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि सरकार एयरोस्पेस क्षेत्र में महिलाओं के लिए नए अवसरों का सृजन करने के लिए प्रतिबद्ध है। प्रधानमंत्री ने गर्व के साथ कहा, 'चाहे फाइटर पायलट हों या नागरिक उड्डयन, भारत महिला पायलटों की संख्या के मामले में दुनिया में सबसे आगे है।' उन्‍होंने बताया कि भारत में 15 प्रतिशत पायलट महिलाएं हैं, जो वैश्विक औसत से 3 गुना अधिक है। बोइंग सुकन्या कार्यक्रम का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह विमानन क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा देगा। इसके अलावा दूर-दराज के इलाकों में रहने वालीं गरीब लड़कियों को पायलट बनने के उनके सपने को साकार करने में मदद करेगा। पीएम ने बताया कि इस कार्यक्रम के तहत पायलट के रूप में करियर बनाने के लिए सरकारी स्कूलों में करियर कोचिंग और विकास संबंधी सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।

लड़कियों के लिए पायलट का करियर चुनने के लिए मुफीद मौके का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने एविएशन सेक्टर में अपनी सरकार की उपलब्धियां भी गिनाई। उन्होंने कहा कि आज भारत में करीब 150 हवाई अड्डे चालू हैं, जबकि 2014 में इनकी संख्‍या लगभग 70 थी। पीएम ने यह भी कहा कि हवाई अड्डों की दक्षता में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। उन्होंने अर्थव्यवस्था के समग्र विकास और रोजगार सृजन के लिए एयर कार्गो क्षमता में बढ़ोतरी का भी जिक्र किया।

BIETC अमेरिका के बाहर बोइंग का सबसे बड़ा कैंपस
अत्याधुनिक BIETC यानी बोइंग इंडिया इंजीनियरिंग ऐंड टेक्नॉलजी सेंटर अमेरिका के बाहर बोइंग का सबसे बड़ा निवेश है। ये भव्य परिसर 43 एकड़ में फैला हुआ है और इसे बनाने में 1600 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। BIETC के उद्घाटन के बाद पीएम मोदी ने सुकन्या लाभार्थियों से भी बातचीत की।

दुनिया की दिग्गज विमान कंपनी बोइंग के कैंपस खुलने के साथ ही कर्नाटक एक नए एविएशन हब के तौर पर उभर रहा है। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में इसका जिक्र किया। कर्नाटक में पिछले साल एशिया की सबसे बड़ी हेलीकॉप्टर मैन्यूफैक्चरिंग फैक्ट्री के उद्घाटन को याद करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि बोइंग की यह नई सुविधा कर्नाटक के एक नए एविएशन हब के तौर पर उभरने का स्पष्ट संकेत है।

महिला सशक्तीकरण से मजबूत होता बीजेपी का नया 'वोट बैंक'
अमेरिका की दिग्गज विमान निर्माता कंपनी बोइंग को भारत में निवेश के लिए आकर्षित करना और महिलाओं को पायलट बनाने में मदद के लिए बोइंग सुकन्या जैसा प्रोग्राम शुरू करना अपने आप में काफी अहम है। इस प्रोग्राम के लॉन्च होने पर बोइंग कंपनी की सीओओ स्टेफ़नी पोप ने पीएम मोदी को शुक्रिया कहा। पीएम मोदी ने बोइंग सुकन्या प्रोग्राम को महिला सशक्तीकरण के लिहाज से महत्वपूर्ण करार दिया। इसके जरिए उन्होंने महिला वोटरों को साधने की कोशिश की। दरअसल, पिछले कई चुनावों से देश की आधी आबादी यानी महिलाएं बीजेपी के लिए नए वोट बैंक के तौर पर उभरी हैं। भाजपा महिलाओं की पसंदीदा पार्टी बनकर उभरी है और इसकी सबसे बड़ी वजह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियां और उनकी सरकार की स्कीम हैं। दशकों ले लटके ऐतिहासिक महिला आरक्षण बिल को पास कराना हो या तीन तलाक को खत्म करना, बीजेपी इसे महिला सशक्तीकरण की दिशा में उठाया कदम मानती है।

केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के अलावा राज्यों की तमाम बीजेपी सरकारें भी महिलाओं को सीधा फायदा पहुंचाने वाली कई तरह की वेल्फेयर स्कीम चला रही हैं। केंद्र सरकार की बात करें तो उसकी बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, सुकन्या समृद्धि योजना, उज्ज्वला योजना, जनधन अकाउंट, मिशन पोषण, सुरक्षित मातृत्व आश्वासन, मैटरनिटी लीव को 12 की जगह 26 हफ्ते करना, मातृवंदन योजना के तहत बच्चे के जन्म पर मां को 5000 रुपये जैसी तमाम योजनाएं महिलाओं पर ही केंद्रित हैं। सेना में महिलाओं को परमानेंट कमीशन देने जैसे कदम से केंद्र ने समान अवसर और समानता का अधिकार देने की कोशिश की है।

महिलाओं पर यूं ही मजबूत नहीं हो रही बीजेपी की पकड़
उज्ज्वला योजना के तहत 10 करोड़ महिलाओं को मुफ्त गैस कनेक्शन का लाभ मिला है। जनधन योजना के तहत 27 करोड़ से अधिक महिलाओं का बैंक में खाता खुला है। बैंक से बिना गारंटी के कर्ज वाली मुद्रा लोन स्कीम के लाभार्थियों में 70 फीसदी महिलाएं हैं। स्टैंड अप इंडिया स्कीम की लाभार्थियों में आधे से ज्यादा महिलाएं हैं। चुनावों में बीजेपी को इन स्कीमों का लाभ मिलता रहा है। एमपी, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के हालिया चुनाव में पार्टी की जीत के पीछे मोदी सरकार की महिला हितैषी स्कीमों का बड़ा हाथ रहा है। मध्य प्रदेश में तो राज्य सरकार की लाडली बहना योजना को गेमचेंजर माना गया। 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी देशभर में महिलाओं की पसंदीदा पार्टी थी। देशभर में बीजेपी को औसतन 36 प्रतिशत महिलाओं का वोट मिला। कांग्रेस को 20 प्रतिशत और बाकी 44 प्रतिशत वोट TMC, BJD जैसे क्षेत्रीय दलों को मिले थे। पिछले लोकसभा चुनाव में कम से कम 160 सीटें ऐसी थीं जहां महिलाओं का वोटर टर्न आउट पुरुषों के मुकाबले ज्यादा था और इन सीटों में ज्यादातर पर बीजेपी ने ही जीत हासिल की।

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