मध्य प्रदेश

संस्कारविहीन शिक्षा बिना महक के फूल के समान :उप मुख्यमंत्री शुक्ल

शिक्षक देश के भविष्य का निर्माण करते हैं :उप मुख्यमंत्री शुक्ल

संस्कारविहीन शिक्षा बिना महक के फूल के समान :उप मुख्यमंत्री शुक्ल

परिवहन मंत्री श्री सिंह से मिले डेफ केन फाउण्डेशन के प्रतिनिधि

शिक्षकों को किया सम्मानित

भोपाल

उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने कहा है कि शिक्षा का किसी भी राष्ट्र के सशक्तीकरण में महत्वपूर्ण योगदान होता है। शिक्षक देश के भविष्य का निर्माण करते हैं। माँ के बाद किसी भी व्यक्ति के जीवन में शिक्षक का सबसे बड़ा योगदान होता है। शिक्षकों का सम्मान देश का सम्मान है। यह प्रसन्नता का विषय है कि नव दुनिया समूह द्वारा देश के विकास की आधारशिला को सशक्त करने के लिए युवाओं के गढ़ने वाले शिल्पकारों का सम्मान किया जा रहा है। उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल, राज्य मंत्री लोक स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा नरेन्द्र शिवाजी पटेल भोपाल में नवदुनिया के ज्योतिर्मय सम्मान-2024 कार्यक्रम में शामिल हुए।

संस्कारविहीन शिक्षा बिना महक के फूल के समान

उप मुख्यमंत्री ने कहा कि यह आवश्यक है कि शिक्षा में गुणवत्ता के साथ संस्कारों का समावेश हो। संस्कार के बिना शिक्षा बिना महक के फूल के समान है। संस्कारवान शिक्षा से समाज का कल्याण होता है, देश सशक्त होता है। आज यह आवश्यक है कि युवा व्यक्तिगत सफलता के साथ सामाजिक सरोकार में भी आगे आयें।

राज्य मंत्री पटेल ने कहा कि देश के नवनिर्माण में सभी शिक्षक अपना महत्वपूर्ण योगदान दें। उन्होंने सभी सम्मानित शिक्षकों को शुभकामनाएँ दीं। उच्च शिक्षा, स्कूल शिक्षा क्षेत्र के विभिन्न विधाओं में उत्कृष्ट योगदान देने वाले शिक्षकों को उप मुख्यमंत्री शुक्ल और राज्य मंत्री पटेल ने सम्मानित किया। नवदुनिया यूनिट हेड मानवेन्द्र द्विवेदी, स्टेट ब्यूरो हेड धनंजय प्रताप सिंह, आईएनडी चैनल हेड नवीन पुरोहित उपस्थित थे।

परिवहन मंत्री श्री सिंह से मिले डेफ केन फाउण्डेशन के प्रतिनिधि

मूक-बधिरों के भी बनाये जायें ड्रायविंग लायसेंस

भोपाल

डेफ केन फाउण्‍डेशन के प्रतिनिधियों ने आज मंत्रालय में परिवहन मंत्री श्री उदय प्रताप सिंह से मुलाकात की। उन्होंने ज्ञापन देकर परिवहन मंत्री से मांग की कि अन्य प्रदेशों की तरह मध्यप्रदेश में भी मूक-बधिरों के परीक्षण के बाद ड्रायविंग लायसेंस तैयार किये जायें।

संस्था की सचिव सुश्री प्रीति सोनी ने बताया कि तमिलनाडु, दिल्ली और गुजरात में मूक-बधिरों को ड्रायविंग लायसेंस सामान्य व्यक्तियों के साथ ही समस्त औपचारिकता के बाद दिये जा रहे हैं। हाल ही में दिल्ली हाईकोर्ट ने इस संबंध में आदेश जारी किये हैं।

परीक्षण के बाद मध्यप्रदेश में भी बनेंगे लायसेंस

परिवहन मंत्री श्री सिंह ने चर्चा के बाद प्रतिनिधियों को आश्वस्त किया कि परीक्षण के बाद मध्यप्रदेश में भी मूक-बधिरों के ड्रायविंग लायसेंस बनाये जायेंगे। इसके लिये विभाग के अधिकारियों को निर्देश जारी किये जा रहे हैं। डेफ केन फाउण्डेशन का कार्यालय भोपाल के एफ-34, न्यू मिनाल रेसीडेंसी, जे.के. रोड पर है। केन फाउण्डेशन मूक-बधिरों के कल्याण और शिक्षा के क्षेत्र में काम कर रहा है।

 

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