रायपुर

दिल्ली बुलेटिन खास: शिक्षा सचिव आलोक शुक्ला ने कहा सबसे अच्छे शिक्षक सरकारी स्कूलों में, शिक्षा का स्तर और सुधारेंगे

दिल के करीब का विषय है शिक्षा

रायपुर(प्रमोद शर्मा)। छत्तीसगढ़ सरकार ने आज वरिष्ठ आईएएस डॉ आलोक शुक्ला को शिक्षा सचिव की नई जिम्मेदारी दी है। दिल्ली बुलेटिन से खास बातचीत में डॉ. शुक्ला ने कहा कि शिक्षा विभाग के लिए जो सरकार की प्राथमिकता है वह मेरी प्राथमिकता होगी। मैं यह जानता हूं कि सबसे अच्छे शिक्षक सरकारी स्कूलों में हैं। बहुत अच्छा काम शिक्षकों ने किया है और इसे और बेहतर बनाने का प्रयास किया जाएगा।

शिक्षा सचिव बनाए जाने पर अपनी पहली प्रथमिकता में डॉ. आलोक शुक्ला ने कहा कि शिक्षा विभाग मेरे दिल के करीब का विषय है। बहुत पुरानी बात है करीब 10 साल पहले शिक्षा विभाग में काम करने का मौका मिला, फिर शिक्षा विभाग से दूर हो गया। आज फिर शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी मिली इसलिए खुशी है। शिक्षा विभाग को कितना सुधार सके, कितना बेहतर कर सकें, यही प्रयास किया जाएगा। शिक्षा विभाग के लिए मेरी अपनी कोई प्राथमिकता नहीं है जो सरकार की प्राथमिकता है वही मेरी प्राथमिकता होगी।

चर्चा के दौरान एक सवाल के जवाब में डॉ. शुक्ला ने कहा कि शिक्षा विभाग की योजनाओं को पहले समझना होगा, समझूंगा तभी कुछ कह पाउंगा। समग्र शिक्षा एक अच्छी योजना है। स्कूलों में शिक्षा के स्तर के लिए बहुत कुछ किया जा सकता है। शिक्षकों और छात्रों को सुविधाएं भी इस योजना के माध्यम से मिलती है। सभी योजनाओं को पढ़नी पड़ेगी।

शिक्षा के स्तर पर चर्चा करते हुए उन्होने कहा कि “मै यह जानता हूं कि सबसे अच्छे शिक्षक सरकारी स्कूलों में हैं। शिक्षा का स्तर सरकारी स्कूलों का अच्छा है। अच्छा काम चल रहा है। ऐसा भी नही मानता कि स्तर सुधरा नहीं है पहले की तुलना में शिक्षा का स्तर काफी ठीक है लेकिन और सुधारा जा सकता है। मैं परफेक्ट हो गया ऐसा कोई नहीं बोल सकते, ऐसा ही सरकारी स्कूलों को भी समझना चाहिए। सुधार की गुंजाईश हमेशा रहती है और होनी चाहिए।

किलोल बाल पत्रिका पर बात करते हुए उन्होने कहा कि चार साल पहले मैंने इसे इलेक्ट्रानिक माध्यम से निकालना शुरू किया। यह मेरा व्यक्तिगत काम था लेकिन धीरे धीरे इसमें शिक्षकों को जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। सब यह कोशिश कर रहे हैं कि किलोल का छपा हुआ एडिसन शुरू किया जाए। बच्चे खुद इस पत्रिका को तैयार कर रहे हैं इसमें शिक्षकों का सहयोग रहेगा। बच्चे पढ़े लिखें सीखें। अच्छी अच्छी चीजें पढ़ें यही प्रयास किया गया है किलोल में।

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