मध्य प्रदेश

कांग्रेस विधायक का बड़ा आरोप: बीमा कंपनी, उद्योगपति और व्यापारियों के दलाल के रूप में काम कर रही राज्य सरकार

विधायक कुणाल चौधरी बोले- किसान और जनता अपने को ठगा व खाली हाथ महसूस कर रहे

भोपाल। कांग्रेस विधायक कुणाल चौधरी ने पत्रकार वार्ता में राज्य सरकार पर अनेक आरोप लगाए। चौधरी ने कहा प्रदेश सरकार में बैठे मुख्यमंत्री, कृषि मंत्री और देश की सरकार सभी मिलकर किसानों के नाम पर चैनलों पर आकर बड़ी बड़ी वाइट देते हैं। बड़े- बड़े वादे करते हैं और जनता की गाढी कमाई को किसानों के नाम उद्योगपतियों, व्यापारियों और बीमा कंपनी का पेट भरते हैं। किसान अपने को ठगा व खाली हाथ महसूस करता है। किसानों के नाम पर बीमा कंपनी, चंद उद्योगपतियों और चंद व्यापारियों के दलाल के रूप में काम कर रही।
चौधरी ने कहा कि सोसायटियों में जो पहले स्लाट बुक थे, उन्हीं की खरीदी हो रही थी, किसानों को आधार से लिंक नहीं होने का कारण सोसायटी में बताया जाता है। सरकार ने नया सगूफा निकाल दिया कि बैंक से आधार से लिंक नहीं है, लेकिन किसान जब बैंक में जाता है तो बताया जाता है कि आपका आधार बैंक से लिंक है। सरकार द्वारा किसानों को प्रताडि़त करने की साजिश की जा रही है। किसानों के घरों पर सूदखोर खड़े हैं, उनकी फसलों को ओने-पौने दामों पर खरीदने के लिए क्योंकि उनका गेहूं समर्थन मूल्य पर नहीं बिक रहा। जो गेहूं 4000 रू. प्रति क्विंटल बिकना था, वहीं 1600 से 1800 रू. तक में गेहूं खरीदा गया। एक ओर सरकार कह रही है कि समर्थन मूल्य से कम में गेहू नहीं खरीदा जायेगा, वहीं किसानों से एक फार्म भरवाया जा रहा है कि आपका गेहू नमीं होने के कारण कम मूल्य में खरीदा जा रहा है, जिससे किसानों को ठगा जा रहा है। चौधरी ने बिलों की प्रतियां प्रस्तुत करने हुए बताया कि सरकार ने खुद कहा है कि 7 दिन के भीतर खातों में राशि डाली गई, लेकिन किसी किसान के राशि नहीं मिली। चौधरी ने कहा मुख्यमंत्री झूठ बोलते हैं, जोर से बोलते हैं। किसानों को दो दो महीने में राशि मिली और सरकार कहती है किसानों को एक क्लिक पर राशि दी गई। मप्र में किसानों को लूटने की एक नयी तकनीक भाजपा राज में चल रही है। मप्र का किसान गरीब से गरीब होता जा रहा है।
किसानों को लूट रही बीमा कंपनी – चौधरी ने कहा बीमा कंपनियों द्वारा किसानों की राशि लगातार लूटी जा रही है, जब किसान को जरूरत है, तब उसे राशि नहीं मिल रही है। 2017 से 2021 तक बीमा कंपनियों ने किसानों से 35 से 36 हजार करोड़ रू. कमाय, कृषि मंत्री ने बीमा कंपनियों के साथ दलाली की है। बीमा कंपनियों द्वारा दो-दो, पांच-पांच रूपये मिलेंगे किसानों को। कटौत्रा पत्रक जारी कर सरकार ने एक आदेश निकाला है, जिसमें किसानों की फसल पर कटौत्री करने की साजिश की गई। आज तक खेतों में कोई सर्वेयर नहीं पहुंचा। झूठे भाषण देकर भाजपा और शिवराज ने किसानों को ठगा है, प्रताडि़त किया है। वेयर हाउस की दलाली के रूप में सरकार काम कर रही है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने गांवों में जाकर सोसायटियों से गेहूं खरीदा वहीं भाजपा राज में किसान की फसल सोसायटी में क्यों नहीं खरीदी जाती है। सोसायटियां अब किसानों के लिए नहीं उद्योगपतियों और व्यापारियों के लिए बची हंै। भाजपा सरकार केवल चंद उद्योगपतियों, व्यापारियों और बीमा कंपनियों के लिए काम कर रही है। सोयाटियों में सड़े हुये चावल बांटे जा रहे हैं, किसानों की आय कम की जा रही है। सरकार मुआवजा देने के नाम पर कागजी सर्वें कराकर अपनी इतिश्री कर रही हैं, इतना ही नहीं कुछ स्थानों पर तो सर्वें ही नहीं कराये गये है। बीते 25 मार्च से 27 मार्च तक किसानों की फसल की खरीदी की गई है और 27 मार्च को खरीदी बंद कर दी गई। कांग्रेस ने सरकार के इस निर्णय पर आक्रोश जताते हुए दबाव बनाया, तो खरीदी प्रारंभ की गई पर स्लाट बुकिंग में आधार कार्ड लिंग के नाम पर किसानों को बेवकूब बनाया गया।

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