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लोकसभा चुनाव में बीजेपी बनेगी सबसे बड़ी पार्टी : शशि थरूर

कोझिकोड/ नई दिल्ली
लोकसभा चुनाव को बमुश्कल दो से तीन महीने बाकी हैं। पीएम मोदी के नेतृत्व में एनडीए और विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A दोनों मैदान में हैं। बीजेपी का कहना है कि इस बार आंकड़ा 400 को भी पार कर जाएगा। लेकिन तिरुवनंतपुरम से सांसद शशि थरूर ने जो कहा है वो एनडीए को परेशान कर सकता है। थरूर ने कहा कि 2024 के आम चुनाव में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभर सकती है लेकिन, सहयोगियों से उसे झटका लग सकता है। सहयोगियों से शशि थरूर का मतलब एनडीए के साथी दलों से था। विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' के बारे में बोलते हुए कांग्रेस सांसद ने कहा कि भारत एक विविधतापूर्ण देश है और यह देश उस स्थिति के साथ रहने के लिए पूरी तरह से तैयार है, जहां उसके पास सभी राज्यों में 100 प्रतिशत सहमति नहीं है।

बीजेपी बनेगी सबसे बड़ी पार्टी लेकिन…
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने ‘इंडिया: द फ्यूचर इज नाउ’ सत्र में कहा कि मुझे अब भी लगता है कि भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरेगी। लेकिन, मेरा मानना है कि उनकी (भाजपा) संख्या को उस स्तर तक कम किया जा सकता है, जहां सरकार बनाने के लिए आवश्यक संख्या जुटाने के वास्ते उनके संभावित सहयोगी समर्थन करने के इच्छुक नहीं होंगे। हो सकता है कि एनडीए से अलग होकर सहयोगी दल हमारे साथ सहयोग करने को तैयार हों। इसलिए हमें इसे आजमाना होगा।

इंडिया गठबंधन पर भी बोले थरूर
शशि थरूर ने इंडिया गठबंधन पर बोलते हुए कहा कि इस गठबंधन में सीटे बंटवारे को लेकर कठिनाइयां हैं। कांग्रेस नेता ने कहा कि उन्हें अधिक से अधिक राज्यों में पर्याप्त समझौता होने की उम्मीद है ताकि हार की किसी भी आशंका से बचा जा सके। थरूर के अनुसार, सबसे महत्वपूर्ण बात जो इस देश के लोगों को ध्यान रखने की जरूरत है, वह यह है कि वे अपने निर्वाचन क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ व्यक्ति को वोट दें क्योंकि मोदी, मोदी का नारा लगाने वालों को पता होना चाहिए कि केवल वाराणसी के लोग ही प्रधानमंत्री मोदी को वोट कर सकते हैं। उन्होंने कहा, ‘हर किसी को अपनी सीट पर उस सबसे अच्छे उम्मीदवार को वोट देना होगा, जिसे लेकर उन्हें लगता है कि वे उनका अच्छी तरह से प्रतिनिधित्व कर सकते हैं। और, अगर वे केवल मोदी के लिए वोट करना चाहते हैं तो यह उनकी पसंद है।’

"केरल में CPI(M) और कांग्रेस का सीट बंटवारा असंभव"

शशि थरूर ने कहा, "यह सबसे अच्छी रणनीति है जो वे (विपक्ष) कर सकते हैं और यदि ऐसा होता है और विचारों में पर्याप्त भिन्नता है, तो शायद भाजपा उम्मीदवार जीत जाएगा। लेकिन यह हमारी फर्स्ट-पास्ट-द-पोस्ट प्रणाली में लोकतंत्र है।" थरूर ने कहा कि केरल में सीपीआई (एम) और कांग्रेस के लिए सीट बंटवारे के समझौते पर सहमत होना असंभव है। थरूर ने कहा, "केरल में, यह कल्पना करना लगभग असंभव है कि इंडी गठबंधन के दो प्रमुख प्रतिद्वंद्वी, यानी सीपीआई (एम) और कांग्रेस, कभी सीट-बंटवारे पर सहमत होंगे, लेकिन ठीक बगल में यानी तमिलनाडु में, सीपीआई, सीपीआई(एम), कांग्रेस और डीएमके सभी एक साथ गठबंधन कर रहे हैं और कोई बहस नहीं है, कोई विवाद नहीं है। वे पहले ही पिछला चुनाव एक साथ लड़ चुके हैं। संभावना है कि वे यह चुनाव भी लड़ेंगे।"

सीट-बंटवारे पर कई जगह फंस रहा पेंच

बता दें कि इंडिया गठबंधन कई राज्यों में सीट-बंटवारे पर बातचीत कर रहा है। हालांकि, कई राज्यों में घटक दलों के बीच समझौता करना मुश्किल है क्योंकि घटक राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी रहे हैं। वहीं पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी ने कहा था कि उनकी टीएमसी केवल भाजपा को हरा सकती है। उन्होंने संकेत दिया कि वह राज्य में सीटें साझा करने के खिलाफ हैं। कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने बाद में दावा किया कि ममता की पार्टी ने केवल दो सीटों की पेशकश की थी।

इसी तरह पंजाब और दिल्ली में कांग्रेस और AAP कट्टर प्रतिद्वंद्वी हैं। एक दूसरे के खिलाफ बयानबाजी के बाद यह संकेत मिला कि दोनों पार्टियां सीटें साझा नहीं करना चाहती हैं। हालांकि AAP प्रमुख अरविंद केजरीवाल की शनिवार को मल्लिकार्जुन खरगे से मुलाकात के बाद दोनों पक्षों ने कुछ प्रगति की है। नीतीश कुमार द्वारा इंडिया गठबंधन के संयोजक बनने से इनकार करने के बाद शनिवार को कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खरगे को गठबंधन का अध्यक्ष चुना गया।

इस कार्यक्रम में इतिहासकार विलियम डेलरिम्पल, नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी, अमेरिकी चिकित्सक एवं लेखक अब्राहम वर्गीस और मशहूर लेखक पेरुमल मुरुगन समेत 400 प्रसिद्ध हस्तियों ने भाग लिया। केएलएफ रविवार को समाप्त हुआ।

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