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सुप्रीम कोर्ट ने बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को झटका देते हुए उनकी याचिका को 22 जनवरी तक स्थगित कर दिया

नई दिल्ली
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को झटका देते हुए उनकी याचिका को 22 जनवरी तक स्थगित कर दिया। तेजस्वी यादव ने याचिका में अहमदाबाद की एक मजिस्ट्रेट अदालत में उनके खिलाफ लंबित आपराधिक मानहानि की शिकायत को गुजरात के बाहर, खासतौर से दिल्ली में ट्रांसफर करने की मांग की है।

यह केस तेजस्वी के बयान "केवल गुजराती ही ठग हो सकते हैं" को लेकर चल रहा है। सुप्रीम कोर्ट में यादव की ओर से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल पेश हुए। सिब्बल ने कोर्ट से तेजस्वी यादव के द्वारा की गई टिप्पणियों को वापस लेने पर एक हलफनामा दायर करने के लिए समय मांगा। मगर, जस्टिस ए एस ओका और जस्टिस उज्जल भुइयां की पीठ ने मामले को 22 जनवरी तक के लिए टाल दिया।

कोर्ट ने पहले शिकायत की कार्यवाही पर रोक लगाई थी
शीर्ष कोर्ट ने इससे पहले राजद नेता की याचिका पर सुनवाई करते हुए आपराधिक मानहानि शिकायत की कार्यवाही पर रोक लगा दी थी, साथ ही याचिका दायर करने वाले गुजराती निवासी हरेश मेहता को नोटिस जारी किया था।

अगस्त में तेजस्वी यादव के खिलाफ शुरू हुई जांच
मानहानि के लिए तेजस्वी यादव के खिलाफ आईपीसी की धारा 499 और 500 के तहत शिकायत दर्ज की गई है । गुजरात की कोर्ट ने पिछले साल अगस्त में तेजस्वी यादव के खिलाफ शुरुआती जांच की थी और हरेश मेहता द्वारा दायर शिकायत पर उन्हें समन जारी करने के लिए पर्याप्त आधार पाया था।

केवल गुजराती ही ठग हो सकते हैं…
हरेश मेहता की शिकायत के मुताबिक, तेजस्वी यादव ने मार्च 2023 में पटना में मीडिया से बात करते हुए कहा था, "वर्तमान स्थिति में केवल गुजराती ही ठग हो सकते हैं, और उनकी धोखाधड़ी को माफ कर दिया जाएगा। अगर वे एलआईसी या बैंकों का पैसा लेकर भाग गए तो कौन जिम्मेदार होगा?" मेहता ने दावा किया है कि तेजस्वी यादव ने अपने बयानों से सभी गुजरातियों को बदनाम किया है।

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