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महाराष्ट्र में BJP और राज ठाकरे की MNS में गठबंधन के लिए बातचीत

मुंबई

लोकसभा चुनाव के लिए अभी तारीखों का ऐलान नहीं हुआ है, लेकिन राजनीतक दल अपने-अपने समीकरण को मजबूत करने की कवायद कर रहे हैं। बिहार में हाल ही में नीतीश कुमार के पाला बदलने के बाद नया समीकरण तैयार हुआ। अब महाराष्ट्र में भी इसका असर देखने को मिल रहा है। पहले उद्धव ठाकरे के तेवर में बीजेपी के लिए नरमी देखी गई। वहीं, अब राज ठाकरे भी भाजपा के साथ अपनी सियासत चमकाने के लिए बेताब दिख रहे हैं।

राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) के नेताओं ने मंगलवार को उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से उनके आधिकारिक आवास पर मुलाकात की। सूत्रों ने बताया कि इस दौरान आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर बातचीत हुई। सूत्रों ने बताया कि एमएनएस नेता बाला नंदगांवकर, संदीप देशपांडे और नितिन सरदेसाई को सीट बंटवारे पर आगे की चर्चा के लिए राज ठाकरे ने जिम्मेदारी सौंपी है।

भाजपा के साथ आने से राज ठाकरे को फायदा
राज ठाकरे और बीजेपी के बीच अगर गठबंधन होता है तो इसका सबसे अधिक फायदा उनकी पार्टी एमएनएस को ही होगा। क्योंकि महाराष्ट्र में उसकी सियासी हैसियत सीमित क्षेत्र तक और उसमें भी काफी कमजोर है। ऐसे में अगर बीजेपी गठबंधन के लिए तैयार होती है तो राज ठाकरे के लिए यह वरदान साबित हो सकता है।

महाराष्ट्र बीजेपी फिलहाल गठबंधन की सरकार चला रही है। इसमें एकनाथ शिंदे की शिवसेना, भाजपा और अजीत पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) शामिल है। महाराष्ट्र में इस साल पहले लोकसभा चुनाव होंगे। उसके बाद विधानसभा चुनाव के लिए वोट डाले जाएंगे। राज्य में कुल 48 लोकसभा सीटें और 288 विधानसभा क्षेत्र हैं।

उद्धव का भी डोल रहा मन
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री ने बीते रविवार को एक बड़ा बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि 'मोदीजी, हम कभी भी आपके दुश्मन नहीं थे और हमेशा ही आपके साथ थे।' ठाकरे के इस बयान के बाद कई तरह के कयास लगाए जाने लगे। उद्धव ठाकरे की शिवसेना लंबे समय तक एनडीए का हिस्सा रही है, लेकिन कुछ साल पहले बीजेपी और शिवसेना में टकराव हुआ। फिलहाल उद्धव की शिवसेना इंडिया गठबंधन में शामिल है। हालांकि, सीट शेयरिंग को लेकर वहां रार थमता नहीं दिख रहा है। कांग्रेस और शिवसेना के बीच सीटों को लेकर तीखी बहस बीते दिनों में सामने आई है।

 

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