लेखक की कलम से

बरखा….

चाहना

एक दूजे को

एक पहलू है

जनता नेता

गरीब अमीर

बच्चा अभिभावक

स्त्री पुरुष

दुख सुख

इन सबके बीच

आओ

खुलकर चाहें!

 

©लता प्रासर, पटना, बिहार
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