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ED पर हुए हमले में TMC के खिलाफ बोल फंसे अधीर रंजन

कोलकाता.

पश्चिम बंगाल के संदेशखली में शुक्रवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की एक टीम पर भीड़ ने हमला कर दिया था। उनके वाहनों में भी तोड़फोड़ की गई थी। इस घटना को लेकर राजनीतिक विवाद बढ़ता जा रहा है। एक तरफ कांग्रेस ने मोदी जी और दीदी का कनेक्शन मजबूत बताकर तंज कसा, तो वहीं टीएमसी ने घटना की निंदा। अब भाजपा ने पलटवार किया है। उसका कहना है कि यह किस तरह का गठबंधन है, जहां कांग्रेस के सबसे बड़े नेता ही कह रहे हैं कि पश्चिम बंगाल में लोकतंत्र खतरे में है।

गौरतलब है, कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने शनिवार को कहा था, 'सत्ताधारी दल उन्हें पीछे से ताकत दे रहे हैं और इस वजह से काका बाबू, खोका बाबू, शाहजहां और नूर की कमी नहीं है। अगर भाजपा के पास हिम्मत है तो उन्हें कुछ करना चाहिए। जब वह मणिपुर में कुछ नहीं कर पाए तो वह बंगाल में कैसे करेंगे? हम अशांत क्षेत्र में राष्ट्रपति शासन चाहते हैं, लेकिन उनके पास हिम्मत नहीं है। वे केवल दावा करते हैं। मोदी जी और दीदी का कनेक्शन मजबूत है और इस वजह से यह नहीं हो सकता है। जो संदेशखाली में हुआ वह भारत के किसी अन्य राज्य में नहीं हुआ होगा। बदमाशों के भीतर आज इतनी हिम्मत आ गई है और यह इसका उदाहरण है। यह घटना राज्य में सत्तारूढ़ पार्टी और राज्य पुलिस बल के बीच के रिश्ते को दर्शाता है।'
भाजपा का पलटवार
कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी के बयान पर भाजपा नेता शहजाद पूनावाला ने कहा, 'टीएमसी का मतलब तालिबानी मानसिकता और संस्कृति है और इसकी पुष्टि लोकसभा और पश्चिम बंगाल में कांग्रेस पार्टी के सबसे बड़े नेता अधीर रंजन चौधरी ने की है। उन्होंने पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है। एक तरफ कांग्रेस टीएमसी के साथ गठबंधन करती है और दूसरी तरफ उनके सबसे बड़े नेता कहते हैं कि पश्चिम बंगाल में लोकतंत्र खतरे में है। लेकिन कांग्रेस पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व के पास कहने के लिए कुछ नहीं है। राहुल गांधी और सोनिया गांधी को बताना चाहिए कि वे अधीर रंजन चौधरी से सहमत हैं या नहीं। यह किस तरह का गठबंधन है?'

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