छत्तीसगढ़ वन अमले को मिली ‘प्रथम’ सफलता, दंतैल को ट्रैंक्यूलाइज कर गले में लगाया कॉलर आईडी
कोरबा (गेंदलाल शुक्ल) । गणेश हाथी वन विभाग की टीम के लिए पिछले कई दिनों से मुसीबत बना हुआ है। वहीं वन विभाग की टीम को एक बड़ी सफलता हासिल हुई है। हाथियों के झुण्ड में से एक अन्य हाथी को ट्रैंक्यूलाइज करने में सफलता मिली है। दंतैल को ट्रैंक्यूलाइज कर उसके गले में कॉलर आईडी भी लगा दिया गया है।
जानकारी के अनुसार पिछले हफ्तेभर से वन विभाग के कुमकी हाथी, खतरनाक और जानलेवा गणेश की तलाश कर रहे हैं। वन मंडल कोरबा की कुदमुरा रेंज के ग्राम निखार के जंगल में दंतैल का लोकेशन मिला। वन विभाग की टीम वहां पहुंची, पर वहां गणेश नहीं मिला। विभाग की टीम ने एक अन्य उत्पाती हाथी ‘प्रथम’ को ट्रेंकुलाइज किया। इसके बाद वन विभाग की टीम ने प्रथम हाथी के पैर को रस्सी से बांध दिया। फिर कॉलर आईडी लगाने की कार्रवाई चालू हुई। लगभग एक घंटे में वन विभाग की टीम ने प्रथम के गले में कॉलर आईडी लगा दिया। वन विभाग की टीम हाथी के पैर को खोलने के बाद जंगल से लौट जाएगी। ‘प्रथम’ होश में आने पर जंगल में विचरण कर सकेगा।
वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि पहली बार छत्तीसगढ़ की ही टीम ने ‘प्रथम’ हाथी को ट्रेंकुलाइज कर कॉलर आई डी लगाया। इसके पहले गणेश को ट्रेंक्यूलाइज करने बाहर से टीम बुलाई गई थी। खतरनाक गणेश की निगरानी के लिए वन विभाग की टीम ने वाइल्ड लाइफ से अनुमति लेकर ट्रेंकुलाइज कर कॉलर आईडी लगाया है। ताकि हाथी के लोकेशन की जानकारी मिल सके और स्थिति से आसपास के ग्रामीणों को आगाह किया जा सके। जान-माल की सुरक्षा की जा सके। हालांकि दंतैल हाथी अभी पकड़ से दूर है।
बता दें गणेश कोरबा कटघोरा और रायगढ़ जिले के धर्मजयगढ़ मंडल में अबतक 18 लोगों को मार चुका है। यह स्वभाव से बेहद आक्रोशित और खतरनाक है। इसे भी ट्रैंक्यूलाइज कर कॉलर आईडी लगाने की कोशिश जारी है।