मध्य प्रदेश

राज्य सरकार ने केंद्र को भेजी रिपोर्ट, आकलन करने इस सप्ताह आएगा केंद्रीय दल, मध्यप्रदेश में बाढ़ से 10 हजार करोड़ रुपए का नुकसान…

भोपाल। चंबल क्षेत्र में बीते सप्ताह बाढ़ ने तबाही मचा दी थी। अब हालात धीरे-धीरे सामान्य हो रहे हैं, लेकिन लोग सरकारी राहत मिलने का इंतजार कर रहे हैं। सरकार ने प्रारंभिक तौर पर बाढ़ से 10 हजार करोड़ से ज्यादा का नुकसान का अनुमान लगाया है। राज्य सरकार के राजस्व विभाग ने इसकी रिपोर्ट केंद्र सरकार को भेज दी है। अब इस सप्ताह केंद्र का अध्ययन दल मध्य प्रदेश आएगा। इस अध्ययन दल की रिपोर्ट के आधार पर केंद्र सरकार राहत पैकेज देगी।

प्रदेश के ग्वालियर-चंबल संभाग समेत अन्य जिलों में बाढ़ से बड़ा नुकसान हुआ है। प्रारंभिक आकलन के मुताबिक 10 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा की क्षति पहुंची है। 36 हजार 291 मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं। करीब डेढ़ लाख हेक्टेयर क्षेत्र की फसल प्रभावित हुई है। बाढ़ में मकान गिरने व अन्य वजहों से 36 लोगों की जान गई है, जबकि 2058 जानवर बह गए। मुख्यमंत्री कार्यालय के अधिकारियों ने केंद्र सरकार से नुकसान का आकलन करने के लिए केंद्रीय दल भेजने का अनुरोध किया था। इस सप्ताह दल आकर बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर रिपोर्ट तैयार करेगा। केंद्रीय अध्ययन दल की रिपोर्ट के आधार पर राहत आयुक्त कार्यालय केंद्र सरकार को एक और रिपोर्ट बनाकर भेजेगा।

राजस्व विभाग के मुताबिक बाढ़ में 5 हजार से ज्यादा सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचा है। सड़क, पुल-पुलिया आदि को दुरुस्त करने में करीब 207 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है। बाढ़ में 6 पुल भी बह गए हैं। राजस्व विभाग के अधिकारियों का कहना है, फसलों को नुकसान की जो प्रारंभिक रिपोर्ट मिली है। इसके मुताबिक करीब डेढ़ लाख हेक्टेयर क्षेत्र की फसल या तो पूरी तरह नष्ट हो गई है या फिर 75% से अधिक नुकसान हो चुका है। सरकार राजस्व पुस्तक परिपत्र के प्रावधानों के तहत फसल, आवास, जनहानि और पशुहानि का मुआवजा देगी।

राज्य सरकार ने आवास की वैकल्पिक व्यवस्था के लिए अभी 6-6 हजार रुपए देने का निर्णय लिया है। प्रधानमंत्री आवास योजना के प्रावधानों के अनुसार आवास बनाने के लिए 1.20 लाख रुपए दिए जाएंगे। लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों का कहना है, पहली प्राथमिकता आवागमन की व्यवस्था बनाना है। इसके लिए कार्रवाई प्रारंभ हो चुकी है। सड़क, पुल और पुलिया को दुरस्त कर चलने लायक बनाया जा रहा है।

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