मध्य प्रदेश

मां ने ही सुपारी देकर करवाई बेटे की हत्या: गला घोंटकर लाश घर के उसी कमरे में गाड़ी, जहां मां सोती थी, बदबू आने पर तालाब में फिंकवा दिया

धार। मध्यप्रदेश के धार के लाबरिया डैम में एक माह पूर्व मिली बोरे में बंद लाश के मामले की पुलिस ने गुत्थी सुलझा ली है। पुलिस ने जब इसका खुलासा किया तो सुनकर हर कोई तंग रह गया। दरअसल, बोरे में बंद लाश जिस युवक की थी, उसकी मां ने ही 30 हजार की सुपारी देकर उसकी हत्या करवाई थी। इसमें मृतक के बड़े भाई की भी मिलीभगत भी उजागर हुई है। करीब 40 दिन की जांच के बाद पुलिस ने गुरुवार शाम 2 सुपारी किलर, मां और भाई समेत चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। मामला लाबरिया गांव के माही डैम का है।

थाना प्रभारी रोहित कछावा के अनुसार गत 22 अक्टूबर को राजोद थाने पर सूचना मिली थी कि लाबरिया माही डैम के गोंगदीखेड़ा में एक व्यक्ति की लाश बोरे के अंदर मिली है। पुलिस पहुंची और पंचनामा बनाकर शव को पीएम के लिए भेजा। लाश की शिनाख्त सरदारपुर थानांतर्गत अहमद नगर निवासी पप्पू पिता शंकर के रूप में हुई। पुलिस उसके घर पहुंची तो मृतक का भाई पुंजा मिला। उसने बताया कि 16 अक्टूबर को पप्पू की पत्नी का फोन आया था। उसने पप्पू को मिलने के लिए बुलाया था। अगले दिन 17 अक्टूबर को पप्पू यह कहकर घर से निकला था कि पत्नी से मिलने जा रहा है। लेकिन, वह पत्नी के पास नहीं पहुंचा। इस पर हमने भाई के गायब होने की सूचना सरदारपुर थाने पर दर्ज करवाई थी। इसके बाद करीब 20 दिनों तक पुलिस के हाथ खाली रहे।

मृतक के मोबाइल ने खोला राज

थाना प्रभारी ने बताया कि मामले की जांच और अज्ञात आरोपी की तलाश करते पप्पू के मोबाइल को सर्विलांस में डाला। उसके मोबाइल की खोज आईएमईआई नंबर से भी की गई। इस पर पता चला कि पप्पू का मोबाइल सुरेश पिता कैलाश मावी निवासी नरसिंह देवला चला रहा है। इसके बाद सुरेश को पकड़ने राजोद पुलिस पीथमपुर के काली बिल्लौदा पहुंची। यहां सुरेश ने बताया कि यह मोबाइल उसने अहमद नगर गांव के विक्रम से 1500 रुपए में खरीदा है। इस पर एक टीम विक्रम पिता मुकेश को पकड़ने उसके गांव पहुंची। यहां से मुकेश को पकड़कर थाने लाया गया। जहां पूछताछ में उसने सारा राज उगल दिया।

मां ने ही 30 हजार की सुपारी देकर कराई थी हत्या

पुलिस पूछताछ में विक्रम ने बताया कि पप्पू की मां गीताबाई ही अपने बेटे को मारना चाहती थी। इसी सिलसिले में करीब 2 महीने पहले मृतक का भाई पुंजा हमसे आकर मिला था। इस दौरान मेरा दोस्त सावन भी था। पुंजा ने बताया था कि उसका भाई पप्पू रोज शराब पीकर खुद के बच्चे और मां गीताबाई को प्रताड़ित करता है। वह उनसे मारपीट करता था। मां और पूरा परिवार उससे परेशान है। मेरी मां चाहती है कि पप्पू को मार दो। इस पर विक्रम और सावन ने उसकी हत्या के लिए 30 हजार रुपए की सुपारी ले ली।

आरोपियों के लिए मां ने खुला छोड़ दिया था घर का दरवाजा

टीआई कछावा ने बताया कि 16 अक्टूबर को रात करीब 10 बजे पुंजा ने विक्रम को कॉल किया। उसने कहा- तू सावन को लेकर घर आ जा। पप्पू घर पर है, मां उसी कमरे में सो रही है, जहां पप्पू सो रहा है। मां ने दरवाजा खुला छोड़ दिया है। तुम दोनों आकर पप्पू का खेल खत्म कर दो। इस पर विक्रम और सावन घर पहुंचे। दोनों को घर आता देख पुंजा भी बाहर आ गया। तीनों कमरे में पहुंचे तो पप्पू खाट पर सोता मिला।

दोनों सुपारी किलर और भाई ने मिलकर घोंट दिया युवक का गला

पुलिस के अनुसार घटना वाली रात कमरे में लेटी पप्पू की मां आरोपियों के आने का इंतजार कर रही थी। कमरे में पहुंचने के बाद भाई पुंजा और दोनो सुपारी किलर ने पप्पू को पकड़ा और कपड़े से उसका मुंह बांध दिया। इसके बाद गला घोंटकर उसे मार डाला। हत्या के बाद पप्पू की मां के कहने पर घर पर ही चार फीट लंबाई, दो फीट चौड़ाई और तीन फीट गहराई का गड्‌ढा खोदकर उसे गाड़ दिया गया। गड्‌ढा उसी कमरे में किया गया, जहां मां सोती थी। जाते समय पुंजा ने पप्पू का मोबाइल विक्रम को देते हुए कहा- इसे कहीं एकांत में फेंक देना। हालांकि, उसने लालच में 1500 रुपए में मोबाइल बेच दिया। दो दिन बाद 19 तारीख को बदबू आई तो भाई ने फिर आरोपियों को कॉल किया और मिलने का बोला। यहां उनसे कहा कि घर में बदबू फैल रही है, लाश को ठिकाने लगाना पड़ेगा।

गड़ी लाश निकालने के लिए मांगे 10 हजार

विक्रम लाश को बाहर निकालकर ठिकाने लगाने के एवज में 10 हजार रुपए और मांग रहा था। पुंजा के हामी भरने पर रात में लाश को बाहर निकालने का प्लान बनाया। रात करीब 11 बजे दोनों पप्पू के घर पहुंचे और मिट्‌टी हटाकर गड्‌ढे से लाश बाहर निकाली। लाश को पन्नी में लपेटा और उसे बोरे में भरकर पुंजा की बाइक से रात करीब 12 बजे विक्रम और सावन ने लाश को माही डैम में फेंक दिया। लौटकर पुंजा और मां ने गड्‌ढे को भरा और ऊपर से भूसा बिछा दिया। इसके अगले दिन मां ने पुंजा से कहा- हमने पप्पू को इस प्रकार से मारकर फेंका है, उसकी आत्मा भटकेगी। उसे खोजकर लाओ और चुपचाप उसका अंतिम संस्कार कर दो। हालांकि, पुंजा लाश लेकर आ पाता, इससे पहले ही किसी ने माही डैम में लाश होने की सूचना पुलिस को दे दी।

लापरवाही पर तत्कालीन टीआई व जांच अधिकारी को किया लाइन अटैच

22 अक्टूबर को युवक की लाश मिलने के बाद भी कार्रवाई नहीं करने के मामले में 13 नवंबर को एसपी आदित्य प्रताप सिंह ने नाराजगी जाहिर की। इस मामले में तत्कालीन टीआई रहे अभिनव शुक्ला समेत जांच अधिकारी रेम सिंह बा‍मनिया को प्रकरण की जांच व कायमी में त्रुटिपूर्ण कार्रवाई करते हुए लापरवाही, उदासीनता करने पर थाने से हटा दिया। इसके बाद प्रकरण की जांच थाना प्रभारी रोहित कछावा को सौंपी गई। श्री कछावा ने बताया कि पहले युवक की हत्या को लेकर पुलिस को उसकी पत्नी पर संदेह हुआ, लेकिन सीडीआर में लोकेशन समेत नंबर दूसरे आने के बाद पुलिस की जांच आगे बढ़ी और आरोपी पकड़ लिए गए।

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