नई दिल्ली

कोरोना सर्वे करने पहुंची केंद्रीय टीम ने बताया, केरल में क्यों तेज है कोरोना की रफ्तार और कैसे होगा इसमें सुधार, पढ़ें ….

नई दिल्ली । केरल में कोरोना के केस में काफी इजाफा हुआ है. देशभर में आ रहे कुल केस का पचास फीसदी अकेले केरल है। केरल के 10 जिलों से लगातार केस सामने आ रहे है। ये जिले है मलप्पुरम, त्रिशूर, कोझीकोड, एर्नाकुलम, कोट्टायम, अलाप्पुझा, कासरगोड, पठानमथिट्टा, वायनाड और इडुक्की है। एक्टिव केस की बात करें तो भारत में सबसे ज्यादा 1,65,834 एक्टिव केस केरल में है जोकि भारत के कुल केस का 40.95 फीसदी है।

पिछले कुछ दिनों से भारत में आ रहे कोरोना वायरस के नए मामलों में से ज्यादातर केरल से रिपोर्ट हो रहे हैं। केरल में बढ़ते मामलों को देखते हुए केंद्र सरकार ने छह सदस्यों की एक टीम भेजी थी जिसने वापस लौटने पर अपनी रिपोर्ट दी। केरल के कई जिलों में दौरा करने के बाद केंद्रीय टीम ने कई खामियां पाई जिसके आधार पर सुझाव दिए गए। केंद्रीय मल्टी-डिसीप्लीनरी टीम ने संकट से उबरने के लिए टेस्ट बढ़ाने, कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग, रोकथाम उपायों को लागू करने और जरूरी हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर की स्थापना पर जोर दिया।

उन्होंने कहा,”आईसीयू और वेंटिलेटर बेड जैसी अस्पताल की जरूरतों को तत्काल बढ़ाने की जरूरत है। बाल चिकित्सा सुविधाओं, विशेष रूप से बाल चिकित्सा आईसीयू बेड को भी बढ़ाने की जरूरत है।”

टीम ने यह भी सिफारिश की है कि क्लस्टर और सुपर स्प्रेडर इवेंट, जब भी संदिग्ध हो या रिपोर्ट किया गया हो, की जिला स्तरीय आरआरटी ​​​​द्वारा जांच की जानी चाहिए।  राज्य को सलाह दी गई है कि होम आइसोलेशन को लेकर गाइडलाइंस का सख्ती से पालन हो। साथ ही को-मोर्बिडिटी यानी किसी दूसरी बीमारी से ग्रसित कोरोना मरीजों को राज्य सरकार की तरफ से बने क्वॉरन्टीन सेंटर में क्वॉरन्टीन करने की भी केंद्र की टीम ने सलाह दी है। इसके अलावा वैक्सीनेशन बढ़ाने की भी सलाह दी गई है।

बता दें कि एएनआई ने 30 जुलाई, 2021 को केरल पहुंची केंद्रीय मल्टी-डिसीप्लीनरी टीम की एक ड्राफ्ट रिपोर्ट हासिल की है। रिपोर्ट में कहा गया है, “केरल के 14 जिले वर्तमान में प्रति दिन 20,000 से अधिक मामलों की रिपोर्ट कर रहे हैं और मई 2021 के आंकड़ों के अनुसार, 80 प्रतिशत से अधिक डेल्टा वैरिएंट हैं।”

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