मध्य प्रदेश

कथा वाचक पं. प्रदीप मिश्रा बोले- हिंदू धर्म के लिए हम दो हमारे दो का फार्मूला अनुकूल नहीं

शिव महापुराण कथा के लिए महाकाल की नगरी उज्जैन पहुंचे, महाकाल के किए दर्शन 

कैलाश गौर, उज्जैन। बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में कल 4 अप्रैल से शुरू होने वाली शिव महापुराण कथा के लिए कथा वाचक पं. प्रदीप मिश्रा उज्जैन पहुंचे। उन्होंने उज्जैन पहुंचकर सबसे पहले बाबा महाकाल के दर्शन किए। इसके बाद मीडिया से भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म को मजबूत बनाने के लिए हम सबको आगे आना होगा। हिंदू धर्म के लिए हम दो हमारे दो का फार्मूला अनुकूल नहीं होगा। भारत पूर्व से ही हिंदू राष्ट्र है, इसमें से ही कुछ लोग अलग हुए और कुछ छोड़कर चले गए। वहीं, देश की तात्कालिक परिस्थितियों पर पं. मिश्रा ने कहा कि जो लोग इस प्रकार कर रहे हैं, वह भी सब हमारे ही हैं।

धार्मिक नगरी उज्जयिनी में बड़नगर रोड पर होने वाली पं. प्रदीप मिश्रा की 7 दिवसीय शिव महापुराण कथा की तैयारी लगभग पूर्ण हो चुकी हैं। 4 से 10 अप्रैल तक होने वाली इस कथा में 2 दिन पूर्व से ही भक्तों का जमावड़ा होने लगा है। यहां बड़ी संख्या में देशभर से लोग पहुंच रहे हैं, जो सात दिवसीय कथा का श्रवण करेंगे। उनका उत्साह देखते ही बनता है। पं. प्रदीप मिश्रा भी उज्जैन पहुंच चुके हैं। आज सुबह बाबा महाकाल दर्शन करने के बाद पंडित प्रदीप मिश्रा ने मीडिया से कहा कि उज्जैन शहर में लाखों लोग पहुंचने लगे हैं। शहर की सभी होटल और धर्मशाला लोगों ने बुक करवा दी हैं। ऐसे में भक्तों से निवेदन है कि वे भक्ति और भाव से यहां पहुंचे और धर्मलाभ लें।

सीहोर वाले पं. जी के नाम से प्रसिद्ध कुबेरेश्वर धाम के कथा वाचक प्रदीप मिश्रा कल यानि मंगलवार 4 अप्रैल से बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में सात दिवसीय शिव महापुराण कथा करेंगे, जो कि 10 अप्रैल तक जारी रहेगी। कथा को लेकर सभी तैयारियां पूर्ण हो चुकी हैं, जिसके लिए बड़नगर रोड पर आयोजन स्थल पर तीन बड़े-बड़े डोम नजर आने लगे हैं। जिसमें आवश्यकता पड़ने पर 15 लाख श्रद्धालु शामिल हो सकेंगे। वैसे तो कथा की शुरुआत 4 अप्रैल मंगलवार से होगी, लेकिन शनिवार से ही सैकड़ों श्रद्धालु कथा स्थल पर पहुंच गए हैं। जिन्होंने दरी बिछाकर कथा स्थल पर अपनी जगह आरक्षित कर ली है। इस कथा में वैसे तो देशभर के श्रद्धालु शामिल होंगे, लेकिन अभी वर्तमान में गुजरात, राजस्थान के श्रद्धालु उज्जैन पहुंच गए हैं, जिनका दो दिनों पूर्व उज्जैन आने का उद्देश्य सिर्फ इतना है कि वह पंडित प्रदीप मिश्रा की कथा को अग्रिम पंक्ति में बैठकर सुन सकें।

उज्जैन में पहली बार हो रही पं. प्रदीप मिश्रा की कथा, व्यापक तैयारियां

महापौर मुकेश टटवाल ने बताया कि बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में पहली बार सीहोर वाले कथा वाचक पं. प्रदीप मिश्रा की शिव महापुराण कथा आयोजित की जा रही है। कथा के दौरान लाखों श्रद्धालु उज्जैन पहुंचेंगे। यही कारण है कि बड़नगर रोड पर मुल्लापुरा स्थित आनन्द अखाड़े के सामने फुली वेंटिलेटेड पंडाल का निर्माण किया गया है। इसमें लगभग 15 लाख श्रद्धालुओं के आने के साथ ही आयोजन स्थल पर लगभग 50 हजार लोगों के भोजन व पार्किंग के साथ ही अस्पताल की भी व्यवस्था जुटाई गई है। शिव महापुराण कथा में आने वाले श्रद्धालुओं को किसी भी तरह की परेशानी का सामना ना करना पड़े, इसलिए श्री विट्ठलेश सेवा समिति ने 12 उपसमितियों का गठन किया है, जो कि पंडाल, पेयजल, भोजन, यातायात, स्वास्थ्य, प्रचार से लेकर प्रशासनिक समन्वय तक की व्यवस्थाएं संभालेंगी।

नहीं होगा रूद्राक्ष का वितरण

आयोजक विट्ठलेश सेवा समिति उज्जैन के अध्यक्ष प्रकाश शर्मा एवं समिति के सागर शुक्ला के अनुसार उज्जैन में होने वाली कथा की भव्य रूप से सारी तैयारियां हो चुकी हैं। आने वाले श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की समस्या न हो, इसका विशेष ध्यान रखा जा रहा है। उन्होंने बताया कि कथा के दौरान रूद्राक्ष का वितरण नहीं होगा। श्रद्धालु केवल कथा का आनंद उठाते हुए धर्मलाभ लें।

गर्मी से राहत के लिए लगे फव्वारे

श्री शर्मा एवं श्री शुक्ला ने बताया कि बड़नगर रोड पर बनाए गए कथा के पंडाल को बंगाली डिजाइन के आधार पर लकड़ी से तैयार किया गया है। इस पंडाल में मुख्य रूप से तीन डोम तैयार किए गए हैं, जिसमें श्रद्धालु आसानी से शिव महापुराण कथा का श्रवण कर पाएंगे। श्री विट्ठलेश सेवा समिति द्वारा अप्रैल माह की गर्मी को देखते हुए श्रद्धालुओं को गर्मी से राहत पहुंचाने के लिए पंडाल में फव्वारे की भी व्यवस्था की गई है, जिससे कि श्रद्धालुओं को कथा के दौरान गर्मी से राहत मिल सकेगी।

समिति ने प्रशासन के समक्ष उठाई आपत्ति

रविवार शाम कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम अन्य अधिकारियों के साथ कथा स्थल पर पहुंचे तथा समिति पदाधिकारियों से चर्चा की। इस दौरान समिति ने आपत्ति दर्ज कराई है कि कथा स्थल से दो-तीन किलोमीटर तक का क्षेत्र नो व्हीकल जोन घोषित करने से दर्शनार्थियों को आवागमन में परेशानी होगी। महिला, बुजुर्ग व दिव्यांग भक्त तपती दोपहर में इतना लंबा पैदल कैसे चलेंगे। अगर प्रशासन तीन किलोमीटर दूर पार्किंग का निर्माण कर रहा है, तो वहां से कथा स्थल तक नि:शुल्क वाहन सेवा उपलब्ध कराई जानी चाहिए। खेतों में गेहूं की फसल कटने के बाद नरवाई मौजूद रहने तथा भीड़ नियंत्रण को लेकर भी चर्चा हुई। बताया जाता है कुछ मुद्दों पर सहमति बनी है।

प्रवेश द्वार के सामने लगाए नलों से फिसलन होने की संभावना

इधर, कथा की तैयारी अंतिम दौर में चल रही है। समिति ने अब तक जो इंतजाम किए हैं, उनमें कुछ कमी नजर आ रही है। आयोजकों ने मुख्य प्रवेश द्वार के सामने ही पाइप लाइन बिछाकर उसमें बड़ी संख्या में नल लगा दिए हैं। इससे पानी के साथ खेत की मिट्टी मुख्य मार्ग पर आएगी और फिसलन होगी। इससे दुर्घटना का अंदेशा रहेगा। हालांकि, समिति सदस्यों का कहना है कि ढलान होने से पानी खेत में जाएगा और मुख्य मार्ग तक नहीं पहुंचेगा।

जमीन को ठीक से प्लेन नहीं किया, परेशानी होगी

वहीं, जिस स्थान पर कथा हो रही है वह कृषि भूमि है। इस पर कुछ दिन पहले तक गेहूं की फसल खड़ी थी। जैसे जैसे फसल कटी और खेत खाली हुए, तो समिति ने समतलीकरण का काम शुरू कराया। अगले हिस्से में बराबर लेवलिंग हुई है, लेकिन जिस स्थान पर पंडाल बनाया गया है, वहां ठीक से समतलीकरण नहीं हुआ है। ऐसे में श्रद्धालुओं को चलने व बैठने में परेशानी होगी।

पुजारी महासंघ ने गर्भगृह में प्रवेश बंद करने पर जताई आपत्ति

दूसरी ओर, अखिल भारतीय पुजारी महासंघ ने पं. प्रदीप मिश्रा की कथा के कारण महाकाल मंदिर के गर्भगृह में 3 से 10 अप्रैल तक महाकाल मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश प्रतिबंधित करने पर आपत्ति दर्ज कराई है। महासंघ के प्रदेश सचिव रूपेश मेहता ने कहा कि सिंहस्थ, श्रावण मास अथवा ज्योतिर्लिंग की पूजन परंपरा से जुड़े विशेष पर्व व त्योहार पर गर्भगृह में प्रवेश प्रतिबंधित किया जाना उचित है। लेकिन, कथा भागवत में आने वाली भीड़ के कारण प्रवेश रोकना अनुचित है। यह भीड़ प्रबंधन का मामला है, प्रशासन को योजना बनाकर इसका निराकरण करना चाहिए। केवल भीड़ नियंत्रण करना है, इसके लिए जलाभिषेक रोकना धर्म और भक्त भावना के हित में नहीं है। पं. प्रदीप मिश्रा अपनी कथा में भक्तों को शिव उपासना के लिए जलाभिषेक करने को कहते हैं और दूसरी ओर उनकी कथा के लिए महाकाल के जलाभिषेक पर रोक लगाना सर्वथा अनुचित है। प्रबंध समिति को यह निर्णय वापस लेना चाहिए।

पुलिस और प्रशासन के सामने बड़ी चुनौतियां

पं. प्रदीप मिश्रा की कथा को लेकर उज्जैन जिला प्रशासन और पुलिस के लिए कई ऐसी चुनौतियां हैं, जिन्हें नियंत्रण में रखकर निपटना होगा। सबसे बड़ी दिक्कत शहर की यातायात व्यवस्था की रहने वाली है, वैसे भी महाकाल लोक निर्माण के बाद शनिवार, रविवार और सोमवार को शहर के कई इलाकों में जाम लग जाता है। ऐसी स्थिति में पं. प्रदीप मिश्रा की कथा में आने वाले वाहनों की वजह से यातायात व्यवस्था ध्वस्त होने की पूरी आशंका है। इसके अतिरिक्त गर्मी का मौसम शुरू होने की वजह से फूड प्वाॅइजनिंग जैसी घटनाओं को रोकने के कदम भी जिला प्रशासन को उठाने पड़ेंगे। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग के साथ ही खाद्य विभाग को भी विशेष रूप से सतर्क रखने की जरूरत है।

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