नई दिल्ली

UNSC की बैठक में बोले एस जयशंकर, इंटरनेट और सोशल मीडिया आतंकियों की टूलकिट का अहम इंस्ट्रूमेंट बने ….

नई दिल्ली। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आतंकवाद को मानवता के लिए सबसे गंभीर खतरों में से एक बताया है। दिल्ली में यूएनएससी की आतंकवाद रोधी समिति की बैठक को शनिवार को संबोधित करते उन्होंने यह बात कही। जयशंकर ने आतंकवादी समूहों की ओर से नई टेक्नोलॉजी के दुरुपयोग का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि इंटरनेट और सोशल मीडिया मंच आतंकवादियों और आतंकी समूहों की टूलकिट में प्रभावशाली उपकरण बनकर उभरे हैं।

जयशंकर ने कहा, ‘हाल के वर्षों में खासतौर से खुले और उदार समाज में आतंकवादी समूहों, उनके वैचारिक अनुयायियों और अकेले हमला करने वाले लोगों ने इन तकनीकों तक पहुंच हासिल करके अपनी क्षमताएं बढ़ा ली हैं। वे आजादी, सहिष्णुता और प्रगति पर हमला करने के लिए तकनीक, पैसा और सबसे जरूरी खुले समाज के लोकाचार का इस्तेमाल करते हैं।’

विदेश मंत्री ने कहा कि आतंकवादी समूहों और संगठित आपराधिक नेटवर्कों की ओर से मानवरहित हवाई प्रणालियों के इस्तेमाल ने दुनियाभर में सरकारों की चिंताओं को और बढ़ा दिया है। उन्होंने कहा, ‘रणनीतिक, बुनियादी और वाणिज्यिक संपत्तियों के खिलाफ आतंकवादी उद्देश्यों के लिए हथियारबंद ड्रोन के इस्तेमाल की आशंकाओं पर सदस्य देशों को गंभीरता से ध्यान देने की जरूरत है।’

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के प्रयासों के बावजूद आतंकवाद का खतरा बढ़ रहा है, खासतौर से एशिया और अफ्रीका में। उन्होंने कहा, ‘संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने पिछले 2 दशकों में आतंकवाद से निपटने के लिए मुख्य रूप से आतंकवाद रोधी प्रतिबंध व्यवस्था के आसपास निर्मित महत्वपूर्ण संरचना विकसित की है। यह उन देशों को आगाह करने के लिए बहुत प्रभावी रही है, जिन्होंने आतंकवाद को राज्य की ओर से वित्त पोषित उद्यम बना लिया है।’

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