भाजपा के केंद्रीय मंत्री के बेबाक बोल… कहा- सरकारी नौकरी नहीं मिलने पर कर रहे सुसाइड ….
भोपाल। केंद्रीय इस्पात एवं ग्रामीण विकास मंत्री मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने कहा है कि देश में युवाओं के सुसाइड करने का एक कारण सरकारी नौकरी नहीं मिलना भी है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में सरकारी नौकरियों में स्पर्धा बहुत है। किसी भी परीक्षा में जनरल कैटेगिरी के लोग आगे निकल जाते हैं। इससे कई युवाओं को धक्का पहुंचता है। वे डिप्रेशन में चले जाते हैं।
श्री कुलस्ते ने यह बात बुधवार को रविन्द्र भवन में एससी-एसटी बिजनेस कॉन्क्लेव एंड एक्सपो में कही। आयोजन दलित इंडियन चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (डिक्की) और मध्य प्रदेश औद्योगिक विकास निगम (एमपीआईडीसी) के संयुक्त तत्वावधान में किया गया। कार्यक्रम में 26 बड़े उद्यमियों समेत देश भर से एससी-एसटी वर्ग के दो हजार से अधिक कारोबारी और स्टार्ट अप ने शिरकत की। इस अवसर पर डिक्की और मध्य प्रदेश सरकार के एमएसएमई विभाग के बीच एमओयू पर भी हस्ताक्षर किए गए। इसके माध्यम से मध्य प्रदेश के अनुसूचित जाति-जनजाति के कारोबारियों को होने वाली सामान्य एवं नीतिगत कठिनाइयों को चिह्नित किया गया, जिसे दूर करने का प्रयास किया जाएगा।
इस मौके पर ठोस कचरा प्रबंधन करने वाली संस्था के साथ एमओयू किया गया, जिसके तहत प्रदेश की हर पंचायत में प्लास्टिक कचरे के पुनर्चक्रण के लिए संयंत्र लगाने की पहल की जाएगी। आयोजन के दौरान उद्यमियों की सफलता की कहानियों के साथ-साथ मध्य प्रदेश सरकार की एमएसएमई और स्टार्टअप नीति, स्वरोजगार के अवसर, ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर, कृषि और फूड प्रोसेसिंग, खाद्य प्रसंस्करण,पशुपालन पालन, मध्यप्रदेश से निर्यात के अवसर, स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र की संभावनाओं, सामाजिक समावेशन जैसे विषयों पर भी चर्चा की गई।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस अवसर पर कहा कि डिक्की को उद्योगों की स्थापना में सहयोग देने के लिए प्रदेश सरकार पूरी मदद करेगी। अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) वर्ग के लिए विशेष औद्योगिक नीति बनाने, सरकारी खरीद में एससी-एसटी वर्ग के उद्यमियों के लिए निश्चित कोटा सुरक्षित करने के बारे में भी सरकार विचार करेगी। जो भी व्यावहारिक होगा, उस पर अमल किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि सीएम बोले- आर्थिक प्रगति जरूरी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि नौजवानों में क्षमता, योग्यता और प्रतिभा है। सहयोग मिल जाए, तो बच्चे इतिहास रच सकते हैं। रोजगार बड़ी समस्या है। सबको सरकारी नौकरी नहीं मिल सकती। आजादी के तत्काल बाद शिक्षा नौकरी की गारंटी होती थी। जैसे-जैसे समय बदला वैसे-वैसे नौकरियों की संख्या नहीं बढ़ रही। एक लाख नौकरियों में हम भर्तियां करेंगे। एक लाख के पद भर रहे हैं। वैकल्पिक रोजगार के अवसर खोजने होंगे। रोजगार मांगने वाले नहीं, रोजगार देने वाले बन जाएं।
सम्मेलन में औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन मंत्री राजवर्धन सिंह, एमएसएमई मंत्री ओम प्रकाश सखलेचा, स्वास्थ्य मंत्री डा. प्रभुराम चौधरी और सांसद सुमित्रा बाल्मीक मौजूद थीं। कार्यक्रम में डिक्की के संस्थापक पद्मश्री मिलिंद कांबले, पद्मश्री रवि कुमार नर्रा, डिक्की के प्रदेश अध्यक्ष अनिल सिरवैया ने संगठन की गतिविधियों के बारे में बताया। कार्यक्रम में मध्य समेत देशभर के करीब दो हजार उद्यमी शामिल हुए।