नई दिल्ली

जहांगीरपुरी का उपद्रव: उपद्रवियों ने राशन का ट्रक लूटा; मस्जिद की छत से पत्थर फेंकने की हुई शुरुआत …

नई दिल्ली । दिल्ली के जहांगीरपुरी में हनुमान जन्मोत्सव पर निकाली जा रही शोभायात्रा पर पथराव हुआ था। दावा है कि स्थानीय लोगों से मिले वीडियो में यह साफ दिख रहा है कि मुस्लिम समुदाय के लोग अपनी छतों से पत्थर फेंक रहे हैं। इसके बाद हिंसा ने विकराल रूप ले लिया। पुलिस ने अब तक सैकड़ों वीडियो फुटेज खंगाल डाले हैं और घटना के लिए जिम्मेदार लोगों को चिह्नित किया जा रहा है। शनिवार शाम 6 बजे हुई हिंसा के बाद पुलिस ने देर रात एक्शन शुरू कर दिया। दिल्ली पुलिस पथराव के वीडियो फुटेज के आधार पर घटना के जिम्मेदार आरोपियों को चिह्नित कर रही है। उपद्रवियों ने न केवल पत्थरबाजी की बल्कि गाड़ियों में आगजनी करते हुए सरकारी राशन की गाड़ी को भी लूटा।

दिल्ली के सदर जमीयत उलेमा मोहम्मद आबिद कासमी ने कहा कि वह घटना के वक्त मौजूद तो नहीं थे, लेकिन उन्होंने यहां पहुंचकर तहकीकात की। उसमें पता चला कि मस्जिद के सामने शोभायात्रा का DJ रोककर बजाया जा रहा था और कुछ लोग झंडे लेकर मस्जिद में घुस गए थे, जिसकी वजह से तनाव बढ़ गया। उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले के लिए पुलिस और प्रशासन दोषी है, जिन्होंने पुख्ता इंतजाम नहीं किए थे। हालांकि, पत्थरबाजी के सवाल पर वह जवाब देने से बचते नजर आए।

पुलिस का दावा है कि शुरुआती जांच के मुताबिक पत्थरबाजी की शुरुआत मस्जिद की छत से हुई थी। पथराव और फायरिंग से हिंसा भड़काने की कोशिश की गई। पुलिस के मुताबिक 14 गिरफ्तार आरोपियों के अलावा लगभग 30 लोगों को शक के आधार पर हिरासत में लिया गया है।

घटनाक्रम के मुताबिक जहांगीरपुरी में डी ब्लॉक के लोगों ने ये शोभायात्रा जहांगीरपुरी पुलिस स्टेशन के पास से शुरू की थी और सी ब्लॉक होते हुए कुशक सिनेमा के पास पहुंचे। पुलिस के मुताबिक उसी दौरान उन पर अचानक से बड़ी संख्या में पत्थर बरसने शुरू हो गए।

पुलिस का कहना है कि वीडियो फुटेज में साफ दिख रहा है कि जब शोभायात्रा मस्जिद के सामने से निकल जाती है तब पीछे से कुछ युवा उस पर पत्थरबाजी शुरू करते हैं और फिर छतों से देखते ही देखते पत्थरों की बरसात हो जाती है।

पत्थरबाजों को रोकने के लिए शोभायात्रा के साथ चल रहे पुलिस वाले अपनी तरफ से पूरी कोशिश भी करते हैं, लेकिन उपद्रवी उन्हें भी नहीं बख्शते, जिसका नतीजा होता है कि कई पुलिस वाले भी इस दौरान घायल हुए हैं। एक सब इंस्पेक्टर गोली लगने से घायल हुआ।

पुलिस ने आरोपियों को चिह्नित करने के लिए 10 टीमें बनाई हैं। पूरी जांच क्राइम ब्रांच के जिम्मे है। उपद्रवियों की तलाश में पुलिस चिह्नित घरों पर छापामारी भी कर रही है।

जहांगीरपुरी से सटे इलाकों में भी फोर्स बढ़ा दी गई है। यहां जेएनयू पर भी पुलिस का पहरा है। वहीं यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने नोएडा और गाजियाबाद में हालात पर नजर रखने का पुलिस और प्रशासन को निर्देश दिया है। वहीं पुलिस ने उन इलाकों में फ्लैग मार्च भी किया है।

जहांगीरपुरी के जिस इलाके में यह घटना हुई है वह दो भागों में बंटा हुआ है। सी ब्लॉक मुस्लिम बहुल्य है। वहां एक मस्जिद है। अधिकांश लोग कचरा बीनने, कबाड़ी और ई-रिक्शा चलाने के पेशे से जुड़े हुए हैं। यहां लगभग पूरी सड़क पर उनका कब्जा है। दूसरी तरफ जी ब्लॉक है, जहां हिंदू समुदाय के लोग बहुतायत में रहते हैं।

जहांगीरपुरी में रात के सन्नाटे में पुलिस की गाड़ियों के सायरन गूंजते रहे। रात में ही कई जगहों पर पुलिस ने छापे मारे और धर-पकड़ की कार्रवाई शुरू की।

शोभायात्रा निकालने वाले स्थानीय लोगों का कहना है कि हर साल की तहर इस बार भी थाने के पास से शोभायात्रा सी ब्लॉक होते हुए कुशक सिनेमा से जी ब्लॉक में पहुंचने वाली थी लेकिन मस्जिद के सामने से गुजरने पर हमारे ऊपर छतों से पत्थर फेंके गए, जिससे अफरातफरी मच गई। देखते ही देखते स्थानीय मुसलमान भारी संख्या में इकट्ठा हो गए। जिन पुलिस वालों की ड्यूटी शोभायात्रा के साथ लगी थी, उन्होंने उपद्रवियों को रोकने की कोशिश की लेकिन उनकी संख्या कम थी, जिसके चलते पुलिस वाले भी घायल हुए। उपद्रवियों ने न केवल पत्थरबाजी की बल्कि गाड़ियों में आगजनी करते हुए सरकारी राशन की गाड़ी को भी लूटा।

स्पेशल पुलिस कमिश्नर दीपेंद्र पाठक ने देर रात मीडिया से बातचीत में कहा कि मामला दर्ज कर लिया गया है। जांच शुरू हो चुकी है। हालात पूरी तरह काबू में हैं। हम लगातार अपील कर रहे हैं कि लोग किसी तरह की अफवाहों पर ध्यान ना दें। पर्याप्त मात्रा में पुलिस बल वहां मौजूद है। साथ ही उन्होंने यह भी पुष्टि की कि हमने हत्या के प्रयास के अलावा धार्मिक दंगे भड़काना और सरकारी कर्मचारियों पर हमले के अलावा कई अन्य धाराएं मुकदमे में जोड़ी हैं।

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