मध्य प्रदेश

आज से होलाष्टक शुरू, 14 मार्च से लगेगा खरमास, नहीं होंगे कोई भी मांगलिक कार्य

- होलिका दहन 7 मार्च को और रंगों का पर्व 8  को, 22 अप्रैल को अक्षय तृतीया पर विवाह का शुभ मुहूर्त 

भोपाल। सोमवार से होलाष्टक लगेगा 8 मार्च को होली पर्व मनाया जाएगा। इस बार 2 दिन एकादशी तिथि पड़ने के कारण होलाष्टक 8 के बजाय 9 दिनों का रहेगा। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार होलाष्टक 9 दिनों का होगा। इस अवधि में वैवाहिक कार्य, मुंडन और नामकरण आदि पर विराम लग जाएगा।

ज्ञात हो कि होलिका दहन 7 मार्च को है, जबकि रंगों का पर्व 8 मार्च को खेला जाएगा। इसके पहले 27 फरवरी से होलाष्टक शुरू हो जाएंगे। इस बार अप्रैल में 22 अप्रैल को अक्षय तृतीया (आखातीज) स्वयं सिद्ध अबूझ विवाह मुहूर्त है, इसके अलावा अप्रैल महीने में कोई विवाह मुहूर्त नहीं है, एक तो खरमास और दूसरा गुरु तारे का अस्त होना इसकी प्रमुख वजह है। सूर्य के धनु तथा मीन राशि में प्रवेश के साथ ही खरमास आरंभ हो जाता है। 14 मार्च को सूर्य के मीन राशि में प्रवेश होने के साथ खरमास शुरू हो जाएगा, जो 14 अप्रैल तक रहेगा। गुरु तारा भी 30 मार्च को अस्त होगा, जो 28 अप्रैल को उदित होगा। निर्णय सागर पंचांग अनुसार 8, 9 मार्च और 13 मार्च को विवाह मुहूर्त हैं, उसके बाद सीधे 1 मई के बाद विवाह शुरू होंगे। होलाष्टक में विवाह, नामकरण, जनेऊ संस्कार, नवीन गृह प्रवेश, प्रतिमा प्राण-प्रतिष्ठा आदि कार्य नहीं होंगे।  होलाष्टक में ग्रहों का स्वभाव उग्र रहता है।

होलाष्टक का समय प्रभु भक्ति और अपने इष्ट की आराधना में बिताने की सलाह

हिंदू संस्कृति में होलाष्टक में दुल्हन की विदाई और नए घर में प्रवेश को शुभ नहीं माना जाता है।  होलाष्टक में पूजा-पाठ और भगवान का स्मरण भजन करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। होलाष्टक के दौरान श्रीसूक्त व मंगल ऋम मोचन स्त्रोत का पाठ करना चाहिए। भगवान नृसिंह और हनुमानजी की पूजा का भी महत्व है। भगवान का नाम जप करने से सकारात्मक ऊर्जा प्रवेश करती है।

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