नई दिल्ली

दीदी से ‘ममता’ दिखाने भाजपाई पहुंचे थे अस्पताल, डॉक्टरों ने नहीं दी मिलने की इजाजत …

नई दिल्ली (पंकज यादव) । पश्चिम बंगाल के नंदीग्राम में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर कथित हमले ने बंगाल की सियासत को और सुर्खियो में ला दिया है। एक ओर जहां टीएमसी नेताओं का दावा है कि ममता बनर्जी पर हमला हुआ है, वहीं भाजपा कह रही है कि ये सब सिर्फ राजनीति और सहानुभूति के लिए ममता बनर्जी ऐसा कर रही हैं। इस बीच इस मामले की जांच के लिए भारतीय जनता पार्टी ने भी चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाया है। वहीं, भाजपा के कुछ नेता ममता बनर्जी का हाल जानने अस्पताल पहुंचे थे, मगर उन्हें डॉक्टरों ने मिलने की इजाजत नहीं दी।

जहां पर ममता बनर्जी का ट्रीटमेंट चल रहा है, वहां उनका हाल-चाल जानने भाजपा नेता भी पहुंचे, मगर डॉक्टरों ने उन्हें मिलने देने से इनकार कर दिया। पार्टी के राज्य मुख्य प्रवक्ता शामिक भट्टाचार्य और वरिष्ठ नेता तथागत रॉय सहित भाजपा के कुछ नेताओं ने मुख्यमंत्री से मिलने के लिए कोलकाता में राज्य के एसएसकेएम अस्पताल का दौरा किया। हालांकि, डॉक्टरों ने उन्हें बनर्जी को देखने की अनुमति से इनकार कर दिया।

अस्पताल में तथागत रॉय ने कहा कि हम मानवीय आधार पर मुख्यमंत्री से मिलने आए थे। डॉक्टरों ने हालांकि हमें अनुमति नहीं दी। काश, हम उनसे मिल पाते। हम इसके बजाय एक राज्य मंत्री अरूप विश्वास से मिले और अपनी चिंता व्यक्त की। हमने उन्हें मुख्यमंत्री को अपना संदेश देने के लिए कहा है। हम शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हैं।

बताया जा रहा है कि जैसे ही भाजपा नेता अस्पताल पहुंचे, वहां मौजूद टीएमी समर्थकों ने गो बैक के नारे लगाए। बता दें कि पूर्व मेदिनीपुर जिले के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि भारतीय दंड संहिता की धारा 341 (गलत तरीके से रोकने) और धारा 323 (जानबूझ कर चोट पहुंचाने) के तहत मामला दर्ज किया गया है। उन्होंने बताया कि हमें श्री सूफियान की ओर से शिकायत मिली थी। हमारी जांच चल रही है और हम साक्ष्य इकट्ठा कर रहे हैं। इससे पहले सुबह जिला मजिस्ट्रेट विभु गोयल, पुलिस अधीक्षक प्रवीण प्रकाश और अन्य अधिकारी बिरुलिया बाजार गए, जहां घटना हुई थी।

इधर, चुनाव आयोग से मुलाकात के बाद भारतीय जनता पार्टी ने सवाल उठाए कि आखिर जब राज्य में मुख्यमंत्री सेफ नहीं है तो जनता कैसे सुरक्षित रहेगी। भाजपा ने सवाल किया कि आखिर ममता बनर्जी को स्थानीय अस्पताल क्यों नहीं ले जाया गया और बिना ऑक्सीजन अस्पताल कैसे ले गए? भाजपा ने मांग की है कि सुरक्षा में तैनात 2 आईपीएस अधिकारी कहां थे, उन अफसरों को सस्पेंड किया जाए। बता दें कि चुनाव आयोग के इस प्रतिनिधिमंडल में सब्यसाची दत्ता और शिशिर बाजोरिया शामिल थे।

दरअसल, पूर्वी मेदिनीपुर जिले के नंदीग्राम में शाम को कथित हमले के बाद बनर्जी ने सीने में दर्द और सांस लेने में तकलीफ की शिकायत की थी और उन्हें यहां सरकारी एसएसकेएम अस्पताल में भर्ती कराया गया था। चिकित्सकों ने बुधवार रात को की गई शुरुआती चिकित्सकीय जांच के बाद बताया था कि ममता बनर्जी के बायें पैर के टखने तथा पांव की हड्डियों में गंभीर चोट आयी हैं और उनके दायें कंधे, हाथ तथा गले पर भी चोट लगी है।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की हालत अब ‘स्थिर’ है और चिकित्सक ‘सीटी स्कैन सहित कई और जांच करने की योजना बना रहे हैं ताकि चोटे कितनी गहरी हैं इसका पता लगाया जा सके। पूर्वी मेदिनीपुर जिले के नंदीग्राम में शाम को कथित हमले के बाद बनर्जी ने सीने में दर्द और सांस लेने में तकलीफ की शिकायत की थी और उन्हें यहां सरकारी एसएसकेएम अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी की हालत अब स्थिर है। अगले 48 घंटे तक उनके स्वास्थ्य पर नजर रखी जाएगी। आज दिन में उनका सीटी स्कैन किया जा सकता है। हम एक बार फिर उनकी जांच करेंगे और रिपोर्ट के अनुरूप आगे के उपचार के संबंध में फैसला लेंगे। उनका बुखार भी कम हुआ है।

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