मध्य प्रदेश

प्राइवेट स्कूलों में आधी फीस माफ करने का फैसला : कोरोना से पैरेंट्स खो चुके बच्चों की प्राइवेट स्कूलों में आधी फीस माफ होगी…

भोपाल। मध्यप्रदेश में निजी स्कूल संचालकों ने बच्चों के हित में बड़ा फैसला लिया है. निजी स्कूल संचालकों ने कोरोना में अपने माता-पिता या दोनों में से किसी एक को खो चुके बच्चों से 2 साल तक आधी स्कूल फीस लेने का फैसला किया है. निजी स्कूल संचालक बची हुई आधी फीस मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से भरने को लेकर अपील करेंगे. बता दें कि एमपी में सीबीएसई और आईसीएसई बोर्ड के 10,000 से ज्यादा स्कूल हैं.

 

दरअसल, मध्यप्रदेश में एसोसिएशन ऑफ अन एड प्राइवेट स्कूल मध्यप्रदेश ने बच्चों के हित में स्कूल की आधी फीस लेने का फैसला किया है. प्रदेश में अब तक कोरना से 10,522 लोगों की मौत हो चुकी है. ऐसे मे कोरोना के कारण कई बच्चों के सामने आर्थिक संकट गहरा गया है. कई बच्चे ऐसे हैं जिन्होंने कोरोना में अपने माता-पिता दोनों में से किसी एक को खो दिया है. इसी के चलते अब सभी निजी स्कूल संचालकों ने स्कूली बच्चों से आधी फीस लेने का फैसला किया है. वहीं आधी स्कूल फीस भरने को लेकर बच्चों को स्कूल में आवेदन देना होगा. निजी स्कूल संचालकों का कहना है कि सीबीएसई और आईसीएसई बोर्ड से जुड़े हुए बच्चों की पढ़ाई बीच में ना रुके, इसके लिए बच्चों को एसोसिएशन से जुड़े हुए स्कूल में एक आवेदन देना होगा. आवेदन की जांच के साथ ही उस बच्चे को इस योजना का लाभ दिया जाएगा.

 

शिवराज सरकार कर रही अनाथ बच्चों की मदद

कोरोना की दूसरी लहर में अनाथ बच्चों का पूरा खर्चा सरकार उठा रही है.1 मार्च से 30 जून 2021 के दौरान माता पिता या किसी एक की मौत होने पर बच्चों को इसका लाभ दिया जा रहा है. प्रदेश भर से शासन को 395 आवेदन मिले हैं, इनमें से 323 पात्रों में से 228 की सहायता मंजूर की जा चुकी है. 18 साल तक संरक्षक के खाते में राशि जमा की जाएगी. 18 साल की आयु पूरी करने के बाद राशि बच्चे के व्यक्तिगत खाते में जमा कराई जाएगी. ऐसे परिवारों को बीपीएल कार्ड धारक के समान निशुल्क राशन प्राप्त करने की पात्रता होगी. इसके अलावा स्कूल उच्च तकनीकी चिकित्सा एवं विधि शिक्षा की राशि का भुगतान भी सरकार खुद उठाएगी.

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