मध्य प्रदेश

अरुण कुमार विश्वकर्मा को निवाड़ी कलेक्टर बनाया, तरुण भटनागर को उप सचिव बनाया

जमीन नामांतरण में लापरवाही और शासकीय भूमि में हेरफेर के मामले में कलेक्टर और तहसीलदार की जांच शुरू

भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा जमीन नामांतरण में लापरवाही, शासकीय भूमि में हेरफेर की शिकायतों के चलते हटाए गए निवाड़ी कलेक्टर तरुण भटनागर और ओरछा के तहसीलदार संदीप शर्मा के खिलाफ जांच शुरू कर दी गई है। वहीं, राज्य सरकार ने निवाड़ी जिले का नया कलेक्टर 2014 बैच के अरुण कुमार विश्वकर्मा को बनाया है। तरुण भटनागर को मंत्रालय में उप सचिव नियुक्त किया गया है। इस संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग (जीएडी) ने गुरुवार को आदेश जारी किए।
ज्ञात हो, मंगलवार को गढ़कुडार महोत्सव में शामिल होने पहुंचे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने तमाम शिकायतों के बाद निवाड़ी कलेक्टर तरुण भटनागर को हटा दिया था। वहीं, ओरछा की जमीनों में गड़बड़ी के मामले में ओरछा तहसीलदार संदीप शर्मा को भी हटाने के आदेश दिए थे। कलेक्टर तरूण भटनागर को जमीन नामांतरण में लापरवाही, शासकीय भूमि में हेरफेर की शिकायतों पर कार्रवाई न करने के चलते हटाया गया है। इसके साथ ही उन्होंने कमिश्नर मुकेश शुक्ला को जांच के आदेश दिए थे। सीएम के आदेश के बाद कमिश्नर शुक्ला ने बुधवार को जिला पंचायत सीइओ सिद्धार्थ जैन को निवाड़ी कलेक्टर का प्रभार सौंप दिया। वहीं निवाड़ी के नायब तहसीलदार मनीष जैन को ओरछा तहसीलदार का प्रभार दिया गया। वहीं, कमिश्नर ने अतिरिक्त कमिश्नर काशीराम बड़ोले को जांच के लिए ओरछा तहसील भेजा।
अरुण भटनागर को अर्जित अवकाश पर भेजा
सीएम चौहान के निवाड़ी कलेक्टर तरूण भटनागर को हटाने के निर्देश के बाद गुरुवार सुबह कमिश्नर मुकेश शुक्ला ने टीकमगढ़ जिला पंचायत सीइओ सिद्धार्थ जैन को यहां का प्रभार सौंपा था। इस आदेश में बताया गया है कि निवाड़ी कलेक्टर तरूण भटनागर अर्जित अवकाश पर गए है। वहीं, देर शाम शासन ने डिंडौरी के अपर कलेक्टर अरूण कुमार विश्वकर्मा को निवाड़ी जिले का कलेक्टर बनाने का आदेश जारी कर दिया है। जबकि,निवाड़ी कलेक्टर तरूण भटनागर को उप सचिव बनाया गया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निवाड़ी कलेक्टर तरुण भटनागर को हटाने के बावजूद उनकी नई पदस्थापना और नए कलेक्टर के आदेश जारी नहीं किए जा रहे थे। वहीं भटनागर छुट्टी पर चले गए थे। इसके बाद से ही मंत्रालय में तरह-तरह की चर्चा शुरू हो गई थी। इसी बीच शाम को सामान्य प्रशासन विभाग ने आदेश जारी कर दिए।
दो दिन से चल रही ओरछा तहसील कार्यालय में जांच
सीएम के आदेश के बाद अतिरिक्त कमिश्नर काशीराम बड़ोले को कमिश्नर ने जांच के लिए भेजा। अपने सहायक के साथ बड़ोले दो दिन से फाइलों में उलझे हैं। ओरछा तहसीलदार संदीप शर्मा के समय की तमाम फाइलों, जमीनों की रजिस्ट्रियों के नामांतरण, पेंडिंग फाइलों, बटवारा, सीमांकन, तरमीन, अतिक्रमण सहित पूरे रिकार्ड की जांच की जा रही है। उन्होंने कलेक्ट्रेट पहुंचकर भी जांच शुरू की है।
आदिवासी की जमीन में फंसी फांस
बताया जा रहा है कि निवाड़ी कलेक्टर तरुण भटनागर पर कार्रवाई का बड़ा कारण ओरछा क्षेत्र की आदिवासी व औद्योगिक क्षेत्र की एक जमीन है। यह जमीन एक आदिवासी के नाम पर थी। इस जमीन को लेकर सत्ता व संगठन के नेता आमने-सामने थे। बताया जा रहा है कि यह जमीन संगठन के एक नेता की जमीन से लगी हुई थी और सत्ता से जुड़े लोगों ने एक बड़े व्यापारी को रजिस्ट्री करा दी। यह भी बताया जा रहा है कि इसमें करोड़ों का लेनदेन भी हुआ। नियमानुसार आदिवासी की जमीन बेचने से पहले कलेक्टर की अनुमति जरूरी थी। वहीं, निवाड़ी जिला मुख्यालय पर भी कुछ दिन पूर्व तहसील के ग्राम बिहारीपुरा में एक आदिवासी की जमीन कलेक्टर की अनुमति से औने-पौने दामों पर बेची गई थी। यह सब मामले सीएम के पास पहुंचे थे।
जमीनों में भारी गड़बड़ी
विदित हो कि ओरछा में जमीनों की गड़बड़ी का यह कोई नया मामला नहीं है। यहां पर पिछले 15 सालों में जमकर जमीनों में हेरफेर हुआ है। कुछ तो पर्यटन महत्व की जमीनों में भी हेरफेर कर उनका विक्रय किया गया है। इसके पूर्व भी यहां की जमीनों में हेरफेर के कई मामले सामने आ चुके हैं। निवाड़ी जिला बनने के पूर्व टीकमगढ़ कलेक्टर रहे रघुराज राजेंद्रन ने अपने कार्यकाल में यहां की कई आदिवासियों की जमीनों की विक्रय की रजिस्ट्री शून्य घोषित कर दी थी। यदि यहां पूरे रिकार्ड की गहराई और ईमानदारी से जांच कराई जाए तो बेशकीमती जमीनों की हेरफेर का बड़ा मामला सामने आ सकता है।

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