छत्तीसगढ़बिलासपुर

महीने में एक भी दिन समय पर नहीं आई अमरकंटक, बाकी ट्रेनें भी लेट; जोन में आते ही लेट हो रहीं हैं ट्रेनें …

बिलासपुर । बिलासपुर जोन की सिर्फ एक ट्रेन भोपाल-जबलपुर अमरकंटक एक्सप्रेस को ही ले लें। भोपाल से कटनी पहुंचते तक ट्रेन कभी-कभी ही 15 से 20 मिनट लेट होती है। ज्यादातर दिनों में यह समय पर कटनी पहुंचकर दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के झलवारा रेलवे स्टेशन से बिलासपुर डिवीजन में प्रवेश करती है। अब यहां से शुरू होती है ट्रेनों की लेटलतीफी। अमरकंटक एक्सप्रेस की चाल यहां से बदल जाती है। इसकी बड़ी वजह यह है कि झलवारा से अनूपपुर तक तीसरी लाइन निर्माण का काम चल रहा है।

बिलासपुर रेलवे जोन की पूरे देश में एक पहचान है। वह है उसकी लदान लक्ष्य का हर साल पूरा करके भारतीय रेलवे की आय में इजाफा करना है। इसकी यह पहचान उतनी ही पुरानी है, जितना पुराना जोन है। जब जोन नहीं बना था तब बिलासपुर डिवीजन नंबर वन पर माना जाता रहा है। लेकिन अब बिलासपुर जोन को देशभर में ट्रेनों की लेटलतीफी के लिए नंबर एक पर जाना जाने लगा है। वंदे भारत एक्सप्रेस को छोड़कर शायद ही कोई ट्रेन समय पर चल रही है। अमरकंटक एक्सप्रेस बड़ा उदाहरण है।

इसकी वजह से ट्रेन विलंब होते हुए बिलासपुर पहुंचने में समय से 3 से 4 घंटा अधिक लगाती है। जनवरी महीने में अगर अमरकंटक एक्सप्रेस की टाइमिंग देखें तो पता चल जाएगा कि ट्रेनों की क्या स्थिति है। यह ट्रेन दुर्ग से जबलपुर तक जाने वालों के लिए अत्यंत ही महत्वपूर्ण है। ऐसे में इसकी देरी का असर काफी लोगों पर पड़ता है लेकिन यह ट्रेन तड़के पेंड्रारोड से बिलासपुर के बीच चलती है ऐसे में वहां पर कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए।

अमरकंटक एक्सप्रेस जबलपुर से रात 10 बजे बिलासपुर के लिए छूटती है। इसलिए बिलासपुर-रायपुर तक आने वालों की भीड़ इसमें ज्यादा होती है। इनमें कुछ नौकरी पेशा तो कुछ ऐसे कामकाजी होते हैं जिनके लिए समय से पहुंचना जरूरी होता है। चूंकि यह ट्रेन हर दिन लगभग 3 से 4 घंटे विलंब से चल रही है इसलिए लोगों को परेशानी होने लगी है।

जनवरी महीने में अमरकंटक एक्सप्रेस 8 दिन 3 से 4 घंटे विलंब बिलासपुर पहुंचकर दुर्ग को रवाना हुई। बिलासपुर से दुर्ग जाते हुए भी यह ट्रेन एक से डेढ़ घंटे और विलंब से पहुंची। लगभग 14 दिन यह ट्रेन 1 से 2.30 घंटे तक देरी से चली। बाकी के दिनों में भी कभी 40 मिनट ताे कभी 55 मिनट तक विलंब से पहुंची।

ट्रेनों में लगातार बढ़ रही वेटिंग लिस्ट को देखते हुए रेलवे प्रशासन ने चार जोड़ी एक्सप्रेस ट्रेन में अतिरिक्त कोच लगाने का निर्णय लिया है। ये अतिरिक्त कोच बेतवा, नौतनवा, शिवनाथ और इंटरसिटी एक्सप्रेस में लगाए जाएंगे। ट्रेन नंबर 18201/18202 दुर्ग- नौतनवा-दुर्ग नौतनवा एक्सप्रेस में एक अतिरिक्त एसी3 कोच दुर्ग से 1 से 24 फरवरी तक तथा नौतनवा से 3 से 26 फरवरी तक उपलब्ध रहेगी।

इन दिनों में इतनी लेट आई अमरकंटक एक्सप्रेस

2 जनवरी को 3 घंटे

3 जनवरी को 3.30 घंटे

5 जनवरी को 3 घंटे

6 जनवरी को 3 घंटे

8 जनवरी को 3.15 घंटे

11 जनवरी को 3 घंटे

13 जनवरी को 3.40 घंटे

21 जनवरी को 3.15 घंटे

इसके अलावा बाकी के दिनों में 1 से लेकर ढाई घंटे तक यह ट्रेन विलंब से चली। पेंड्रारोड से बिलासपुर तक 101 किलोमीटर का सफर तय करने में इस ट्रेन को कभी-कभी 4 घंटे भी लगे हैं।

तीनों ही दिशाओं से बिलासपुर आकर समाप्त होने वाली ट्रेनों का तो हाल बुरा है। उन्हें तो कई-कई घंटे आउटर पर ही रोक दिया जाता है। इन ट्रेनों में सबसे ज्यादा प्रभावित इतवारी-बिलासपुर शिवनाथ एक्सप्रेस और इतवारी-बिलासपुर इंटरसिटी एक्सप्रेस हैं। इन दोनों ट्रेनो का शेड्यूल पिछले दो महीने से बिगड़ा हुआ है। बिलासपुर से समय पर छूटने के बाद भी वे इतवारी तक हर दिन 4 से 5 घंटे विलंब से पहुंची।

Back to top button