मध्य प्रदेश

विश्व विद्यालयों में विद्वान व पात्र लोगों को दरकिनार कर बीजेपी नेताओं-मंत्रियों के रिश्तेदारों को नियुक्ति देने का आरोप

नेता प्रतिपक्ष ने पीएम को चिट्‌ठी लिखकर इस धांधली की ओर पीएम का ध्यान दिलाया

ग्वालियर। मध्य प्रदेश के विश्व विद्यालयों में नियमों को दरकिनार कर बीजेपी नेताओं की नियुक्ति की शिकायत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तक पहुंच गयी है। नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने पत्र भेजकर इस धांधली की ओर पीएम का ध्यान दिलाया है। पत्र में कहा गया है कि प्रदेश के विश्व विद्यालयों में विद्वान-पात्र लोगों को दरकिनार कर बीजेपी नेताओ- मंत्रियों के रिश्तेदारों को नियुक्त किया जा रहा है। हाल ही में प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष वीडी शर्मा के ससुर की नियुक्ति इसका ताजा उदाहरण है।

नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह ने पत्र में नियमों का हवाला देते हुए बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के ससुर की कुलपति पद पर नियुक्ति को नियम विरुद्ध बताया है। शर्मा के ससुर डॉ. प्रमोद मिश्रा को हाल ही में जबलपुर के जवाहर लाल नेहरु कृषि विश्वविद्यालय का कुलपति बनाया गया है। नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह ने पत्र में लिखा है कि माननीय प्रधानमंत्री जी आप सार्वजनिक रूप से कहते हैं कि ना खाऊंगा ना खाने दूंगा। परंतु मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के सांसद एवं मध्य प्रदेश के अध्यक्ष वीडी शर्मा ने अपने ससुर डॉ. प्रमोद कुमार मिश्रा जिनकी आयु लगभग 67 वर्ष से अधिक होने के बाद भी नियम विरुद्ध 5 वर्ष के लिए जवाहरलाल कृषि विद्यालय का कुलपति बनवाया है। जबकि नियमों में प्रावधान है कि 70 वर्ष से अधिक उम्र तक कोई कुलपति नहीं रह सकता एवं 67 वर्ष से अधिक उम्र का शिक्षाविद कुलपति के लिए आवेदन नहीं कर सकता। उपरोक्त विश्वविद्यालय में वीडी शर्मा की पत्नी भी सेवारत हैं। उन्हें सुविधा की दृष्टि से भोपाल संलग्न कराया है। जबकि कृषि विश्वविद्यालय में शिक्षकों की कमी है।

वीडी शर्मा के ससुर के साथ ही अन्य नामों का भी किया उल्लेख

गोविंद सिंह ने पत्र में आगे लिखा- इसी प्रकार से पंडित एसएन शुक्ला विश्वविद्यालय शहडोल में भी अपात्रों की नियुक्ति करवाई है। प्रदेश के अनेक विश्वविद्यालयों में विद्वान और पात्र आवेदकों की उपेक्षा कर भाजपा के मंत्रियों और नेताओं के निकटतम परिजनों की नियुक्तियां कर उपकृत किया जा रहा है। क्या भाजपा का यही सुशासन है? अतः आपसे अनुरोध है कि गंभीर मामलों में संज्ञान लेते हुए उचित कार्रवाई करने का कष्ट करें।

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