मध्य प्रदेश

कारम डैम के बाद अब गांधी सागर बांध पर खतरा, कैग की रिपोर्ट के बाद हड़कंप, कैग की रिपोर्ट आने के बाद बांध के 5 किमी के दायरे में धारा 144 लागू …

भोपाल। मध्यप्रदेश के मंदसौर में चंबल नदी पर बना गांधी सागर बांध कैग की रिपोर्ट के अनुसार खतरे में है. कैग की रिपोर्ट आने के बाद प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है. कलेक्टर गौतम सिंह ने अलग-अलग सर्वे दल गठित किए हैं. सभी को 15 दिन में रिपोर्ट देनी है. गांधी सागर बांध की 5 किलोमीटर की परिधि में ड्रोन से वीडियो और फोटोग्राफी पर भी रोक लगा दी गयी है. पूरे इलाके में धारा 144 लागू कर दी है. यदि यह बांध फूटा तो मध्य प्रदेश और राजस्थान की करीब 40 लाख से ज्यादा की आबादी खतरे में पड़ जाएगी.

2019 में आई भीषण बाढ़ के बाद गांधी सागर बांध की बालकनी के ऊपर से पानी छलक पड़ा था. बांध का पावर हाउस भी पूरी तरह से ठप हो गया था. बांध की परिधि में रहने वाले लोगों और यहां पर होने वाली गतिविधियों के ऊपर भी जब प्रश्नचिन्ह खड़े हुए तो प्रशासन जागा और अब वहां पर तकनीकी और अन्य सर्वे शुरू करवा दिया गया है. सर्वे के लिए 10 टीम बना दी गयी हैं. अगर बांध पर आंच आयी तो इसके कारण करीब 40 लाख की आबादी खतरे में पड़ जाएगी. गांधी सागर बांध की 5 किलोमीटर की परिधि में ड्रोन से वीडियो और फोटोग्राफी पर भी रोक लगा दी गयी है. पूरे इलाके में धारा 144 लागू कर दी है.

कमजोर हो गया है बांध

नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने अपनी अंकेक्षण रिपोर्ट में प्रदेश के जर्जर बांधों पर आपत्ति ली थी. मंदसौर जिले में चंबल नदी पर बंधे गांधी सागर बांध में वर्ष 2019 में पानी का रिसाव हुआ था. रिपोर्ट में कहा गया था कि बांध के डाउन स्ट्रीम में गहरे गड्ढे हो गए हैं. गांधी सागर बांध कमजोर हो गया है. इसलिए आस पास की बस्ती सहित डैम के इलाके में पड़ने वाली लाखों की आबादी पर खतरा मंडरा रहा है. कैग ने रिपोर्ट में कहा है बांध को मरम्मत की जरूरत है.

बांध के आसपास धारा 144

कैग की रिपोर्ट के बाद प्रशासन ने गांधी सागर बांध के 5 किलोमीटर के दायरे में धारा 144 लागू कर दी है. इस परिधि में ड्रोन से बांध के आसपास फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी भी प्रतिबंधित कर दी गई है. सर्वे टीमों में राजस्व, सिंचाई, पुलिस, शिक्षा,आंगनवाडी कार्यकर्ता और अन्य विभागों के अधिकारी कर्मचारी शामिल हैं. प्रत्येक टीम में 8 सदस्य हैं. गांधी सागर पंचायत की जनसंख्या 8850 और 20 वार्ड हैं. जांचदल को 15 दिन में रिपोर्ट तैयार करके देना है. गांधी सागर बांध के आस पास रहने वाले लोगों में अधिकतर बंगाल से आए हुए मछुआरे हैं. कई लोग बांध के निर्माण के समय यहां आ गए थे. उस समय से यहीं पर रह रहे हैं. कुछ ऐसे भी हैं जो भारत विभाजन के समय यहां पर आ गए थे.

कलेक्टर बोले- गांधी सागर बांध को कोई खतरा नहीं

कलेक्टर गौतम सिंह ने बताया गांधी सागर बांध को कोई खतरा नहीं है. लेकिन कैग की रिपोर्ट के बाद अलग-अलग टीमें गठित कर दी गई हैं. एक टीम तकनीकी दृष्टि से बांध को देख रही है, जहां पर बांध को खतरा हो सकता है वहां पर मरम्मत की जाएगी. दूसरी टीम स्थानीय जनसंख्या का सर्वे कर रही है. यह जानकारी मिली थी कि वहां पर कई लोग शासकीय जमीन पर अतिक्रमण करके रह रहे हैं. 15 दिन में जांच दल की रिपोर्ट आएगी उसके बाद ही कुछ निर्णय लिया जाएगा.

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