मध्य प्रदेश

55 प्रतिशत आबादी फिर भी 27 प्रतिशत आरक्षण के लिए तरस रहा पिछड़ा वर्ग

कुर्मी समाज के सम्मेलन में बोले कमलनाथ - कांग्रेस सरकार बनते ही समाज भवन के लिए जमीन देंगे

भोपाल। कुर्मी समाज खेती से जुड़ा हुआ समाज है, सदियों से देश की अन्न आपूर्ति को पूरा करके कुर्मी समाज ने अन्नदाता होने का फर्ज निभाया है। नई पीढी आज खेती से दूर होती जा रही है, किस प्रकार से नई पीढी को दोबारा खेती से जोड़ा जाए, यह सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है। खेती को लाभ का धंधा बनाने की बड़ी-बड़ी बातें अवश्य की गई लेकिन दुर्भाग्य है कि मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा किसानों की आत्महत्याएं भी हुई हैं। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अखिल भारतीय कुर्मी क्षत्रिय महासभा मध्यप्रदेश के प्रदेश स्तरीय महासम्मेलन को संबोधित करते हुए यह बातें कहीं।

कमलनाथ ने कहा कि आज समाज में जातिगत जनगणना की मांग की जा रही है, मैं इस बात से पूर्णत: सहमत हूं कि जातिगत जनगणना आज देश की आवश्यकता बन चुकी है। भाजपा राज में पिछड़ा वर्ग का गरीब व्यक्ति 55 प्रतिशत आबादी होने के बावजूद भी 27 प्रतिशत आरक्षण के लिए तरस रहा है। पिछड़ा वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण देने के लिए आप लोगों ने आंदोलन नहीं किया था, कोई बड़ा सम्मेलन नहीं किया था, परंतु फिर भी हमने अपनी सरकार में मध्य प्रदेश में पिछड़ा वर्ग के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण लागू किया था। यह हमारा वचन था जो हमने अपने पिछड़ा वर्ग के बंधुओं को दिया था और उसे पूरा भी करने का प्रयास किया, परंतु कोर्ट से रोक लगी और दुर्भाग्य देखिए कि जो लोग इस निर्णय के खिलाफ कोर्ट गए, उन्हें भारतीय जनता पार्टी ने उच्च पदों पर बैठा दिया। कमलनाथ ने कहा कि बड़ा दुर्भाग्य है प्रदेश में एक बड़ी जनसंख्या होने के बावजूद भी भोपाल में कुर्मी समाज का अब तक भवन निर्माण नहीं हुआ, मेरा वादा है कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनते ही कुर्मी समाज के लिए भूखंड उपलब्ध किया जाएगा।

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