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उद्धव ठाकरे ने भी CAA आलोचना की और सरकार की मंशा पर सवाल उठाया

मुंबई
नागरिकता संसोधधन अधिनियम की अधिसूचना जारी होते ही सियासत तेज हो गई। सत्ता पक्ष जहां इसका स्वागत कर रहा है, वहीं विपक्ष इसकी आलाचना कर रहा है। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने भी इसकी आलोचना की और सरकार की मंशा पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा, "देश में नया कानून सीएए लाया गया है। जो हिंदू, सिख, पारसी और जैन देश के बाहर डरे हुए हैं, उन्हें हमारे देश में लाया जाएगा। उन्हें जरूर लाया जाए, लेकिन यह सिर्फ एक चुनावी हथकंडा है।''

ठाकरे ने आगे कहा, ''जब मैं सीएम था, तो भाजपा देश में सीएए और एनआरसी का भूत लेकर आई थी। उस समय लोगों के मन में डर पैदा हो गया, खासकर असम के लोगों के मन में। इस कानून के खिलाफ कोर्ट में कई याचिकाएं हैं। अभी कोर्ट का फैसला नहीं आया है, लेकिन उन्होंने सीएए का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है।''

शिवसेना (यूबीटी) सुप्रीमो ने बीजेपी और केंद्र सरकार पर धर्म के नाम पर भेदभाव पैदा करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, ''धर्मों के बीच भेदभाव पैदा कर झगड़े और दंगे कराना चाहते हैं। आने वाले चुनाव में एक तरफ बीजेपी है जो धर्मों के बीच नफरत पैदा कर रही है और दूसरी तरफ देशभक्त इंडिया गठबंधन है। यह चुनाव देशभक्त बनाम नफरत करने वालों के बीच होने जा रहा है। अगर आप विदेशों से हिंदुओं को हमारे यहां लाना चाहते हैं तो पहले कश्मीरी पंडितों को वापस लाओ और फिर सीएए लाओ।”

वहीं, इस मुद्दे पर एनसीपी ने भी सरकार की आलोचना की है। CAA की अधिसूचना जारी होने पर एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले ने कहा, ''अगले हफ्ते जो कुछ भी होने वाला है, जाहिर तौर पर उसका संबंध लोकसभा चुनाव से होगा। उन्होंने अब तक इसे लागू क्यों नहीं किया? देश जानना चाहता है कि चुनावी बॉन्ड और पेटीएम में क्या हुआ। सच्चाई क्या है और इसके पीछे कौन है?"

 

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