मध्य प्रदेश

मध्य प्रदेश में निकाय चुनाव की तस्वीर साफ, 345 में से 287 निकायों पर भाजपा का परचम, कांग्रेस के 54 और निर्दलीय उम्मीदवारों ने 4 स्थानों पर हासिल की जीत …

भोपाल। मध्य प्रदेश में नगरीय निकायों के चुनाव की तस्वीर अब साफ हो गई है। नगर पालिका, नगर परिषद और नगर निगमों में अध्यक्ष के लिए हुए चुनाव में भाजपा को एकतरफा जीत हासिल हुई है। कुल 345 निकायों के निर्वाचन में भाजपा को 287 कांग्रेस को 54 और निर्दलीय उम्मीदवारों को 4 स्थानों पर विजय मिली है। प्रदेश में 16 में से 13 नगर निगमों के अध्यक्ष भाजपा के चुने गए हैं। वहीं 76 में से 60 नगर पालिकाओं तथा 255 में से 214 नगर परिषदों में अध्यक्ष तथा सभापति पद पर भी भाजपा ने बाजी मारी है।

गौरतलब है कि निकायों में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और सभापति के चुनाव की अंतिम तिथि 13 अगस्त थी। शनिवार को 16 नगरीय निकायों में संपन्न हुए अध्यक्ष निर्वाचन में 12 स्थानों पर भाजपा और 4 सीटों पर कांग्रेस को विजय मिली। प्रदेश के 51 जिलों में से 42 जिला पंचायतों में भाजपा ने जीत हासिल की है।

नगरीय विकास तथा आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री के शहरी विकास एवं मुख्यमंत्री के शहरों को सर्व-सुविधायुक्त बनाने के सफल कार्यक्रमों का ही परिणाम है कि मध्य प्रदेश के नगरीय निकाय चुनाव में मतदाताओं ने अधिकांश जगह भारतीय जनता पार्टी पर विश्वास जताया है। उन्होंने दावा किया कि निकाय चुनावों के परिणामों ने यह साफ कर दिया है कि 2023 में होने वाले विधानसभा और 2024 में होने वाले लोकसभा चुनावों में फिर से भाजपा की सरकार बनना तय है।

मोदी ने अपने आठ साल के कार्यकाल में शहरी विकास की योजनाओं पर 11 लाख करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए हैं। उन्होने कहा कि मुख्यमंत्री ने भी अपने अब तक के कार्यकालों में राज्य के अन्य क्षेत्रों सहित शहरों में भी प्रगति तथा जन सुविधा के कामों को गति प्रदान की है। उन्होंने कहा कि नगरीय निकायों के परिणामों से स्पष्ट है कि जन कल्याण के इन अभूतपूर्व कामों पर मतदाता ने मोहर लगाई है। सिंह ने इन परिणामों हेतु मतदाता का आभार व्यक्त किया है।

स्थानीय निकाय चुनाव संपन्न होने के बाद अब बीजेपी ने अपने नेताओं की परफॉर्मेंस का ऑडिट करने की तैयारी कर ली है. बता दें कि भाजपा ने 17 अगस्त को एक बड़ी बैठक बुलाई है. इस बैठक में जिला अध्यक्षों, विधायकों, मंत्री, प्रदेश स्तरीय नेताओं और 2023 में टिकट के दावेदारों की निकाय चुनाव में परफॉर्मेंस की समीक्षा की जाएगी. इस बैठक में पार्टी के राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री, प्रदेश अध्यक्ष, प्रदेश संगठन महामंत्री समेत बड़े नेता शामिल होंगे. माना जा रहा है कि जिन नेताओं का नगरीय निकाय चुनाव में प्रदर्शन बेहतर रहा है, उनका अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए दावा मजबूत होगा, वहीं जिन नेताओं का प्रदर्शन उम्मीदों के अनुरूप नहीं रहा है, उनके लिए 2023 की राह मुश्किल हो सकती है.

नगरीय निकाय चुनाव के दौरान बीजेपी को अंतर्कलह से काफी जूझना पड़ा था. विरोध के चलते पार्टी ने 500 से ज्यादा बीजेपी कार्यकर्ताओं के खिलाफ निष्कासन की कार्रवाई की थी. उल्लेखनीय है कि बीजेपी ने निकाय चुनाव के आंकड़े भी जारी कर दिए हैं, जिसमें नगर पालिका, नगर परिषद और नगर निगमों में अध्यक्ष के चुनाव में बीजेपी को बहुमत मिला है. नगरीय निकाय चुनाव को 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव का सेमीफाइनल माना जा रहा था. निकाय चुनाव में टिकटों का बंटवारा भी 2023 के चुनाव को ध्यान में रखकर ही किया गया था।

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