छत्तीसगढ़रायपुर

जनताना सरकार का स्थापना दिवस मनाने नक्सलियों ने भूमकाल दिवस पर लगाए बैनर व फेंके पर्चे ….

रायपुर। बस्तर में भूमकाल आंदोलन सन् 1909 में प्रारंभ हुआ था। यह आंदोलन आदिवासियों के स्वाभिमान, आदिवासियों के जल, जंगल और जमीन तथा आदिवासियों की स्वतंत्रता की लड़ाई थी। उन्होंने सीमित संसाधनों के बावजूद अंग्रेजों से लोहा लिया था। भूमकाल क्रांति के महानायक अमर शहीद गुंडाधुर ने आजादी के 37 साल पहले सन 1910 में बस्तर जैसे वनांचल क्षेत्र में अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई छेड़ी, जिनके कब्जे में पूरा देश था। शहीद गुंडाधुर अंग्रेजों के सामने नहीं झुके और उन्होंने आदिवासी समाज को जोड़े रखा था।

बीजापुर जिले के चेरपाल मार्ग पर पदेड़ा पुल के पास भूमकाल दिवस को लेकर माओवादियों ने दिनदहाड़े बैनर और पोस्टर लगा दिए हैं। नक्सलियों ने भारी मात्रा में पर्चे भी फेंके हैं। बीच सड़क पर माओवादियों द्वारा लगाए गए बैनर व फेंके पर्चों की वजह से उस रास्ते से गुजरने वाली गाड़ियों के पहिए थम गए हैं। नक्सली करतूत की वजह से यात्रियों में भी दहशत है। सूचना पर उक्त क्षेत्र में सर्चिंग बढ़ा दी गई है।

दरअसल, बस्तर में भूमकाल दिवस की 112वीं वर्षगांठ को माओवादियों द्वारा जोर-शोर से मानने का लगातार आह्वान किया जा रहा है। माओवादियों ने अपने पर्चे में भूमकाल दिवस के साथ-साथ जनताना सरकार के स्थापना दिवस को भी मनाने का आह्वान किया है।

दिनदहाड़े सड़क पर पोस्टर लगाने व पर्चे फेंकने पर बस्तर आईजी सुंदरराज पी. ने कहा कि मौके के लिए तत्काल सुरक्षाबलों को रवाना कर दिया गया। माओवादियों द्वारा फेंके पर्चों को जब्त कर मार्ग बहाल कर दिया गया है। फिलहाल आसपास के क्षेत्रों में जवानों को सर्चिंग का आदेश दिया गया है, जिससे राहगीरों में किसी प्रकार की दहशत न रहे।

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