कला परम्परा के प्रादेशिक सह संयोजक बने श्रवण कुमार साहू
राजिम। छत्तीसगढ़ के कला परम्परा, संस्कृति, साहित्य, पर्यटन, अध्यात्म,संगीत एवम विविध कलाओं के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए समर्पित संस्था कला परंपरा (कला बिरादरी) के प्रांतीय अध्यक्ष डी.पी.देशमुख ने संस्था के प्रादेशिक उपाध्यक्ष द्वय, रजनी रजक एवम दीनदयाल साहू, महासचिव गयाप्रसाद साहू की अनुशंसा से कला परम्परा के लोक साहित्य बिरादरी के प्रादेशिक सह संयोजक के रूप में प्रदेश के ख्यातिप्राप्त साहित्यकार श्रवण कुमार साहू, “प्रखर “को मनोनीत किया है।
ज्ञात हो कि प्रखर लगभग पाँच वर्षों से कला परम्परा से जुड़कर साहित्य सेवा कर रहे हैं, उनके शोधपरक आलेख कला परम्परा के विशेष अंकों में समय समय पर प्रकाशित हुआ है। वर्तमान में प्रखर अंचल के सबसे ख्यातिप्राप्त साहित्यिक संस्था त्रिवेणी संगम साहित्य समिति राजिम नवापारा जिला गरियाबंद के कोषाध्यक्ष का दायित्व भी संभाल रहे हैं।
प्रखर के इस विशेष उपलब्धि हेतु कला परम्परा परिवार के सभी पदाधिकारियों ने हार्दिक शुभकामनाएं प्रेषित की है, शुभकामना संदेश देते हुए मकसूदन साहू” बरीवाला, “दिनेश चौहान, मोहनलाल मणिकपन, डॉ रमेश सोनसायटी, किशोर निर्मलकर, संतोष साहू, प्रकृति, कोमल सिंग साहू, भारत लाल साहू, छग्गू यास अडील, रोहित साहू, रामेश्वर रंगीला, रवींद्र साहू, केवरा यदु, थानु राम निषाद, डॉ मोतीलाल साहू, डॉ राजेंद्र गदीया, रमेश पहाड़िया, प्रकाश वर्मा, कामेश्वर गोस्वामी, ओमप्रकाश साहू, श्रीमती रेखा कुलेश्वर साहू, श्रीमती रेखा सोनकर, अध्यक्ष नगर पंचायत राजिम सहित अनेक ईष्ट मित्रों ने उज्ज्वल भविष्य की शुभकामाना दी हैं।