मध्य प्रदेश

कार्य में लापरवाही बरतने पर मुरैना में 13 सहायक प्रबंधक, 2 प्रबंधक एवं 4 उप महाप्रबंधक का वेतन रोका

भोपाल। मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा कर्त्तव्य में लापरवाही बरतने पर मुरैना वृत्त अंतर्गत 13 सहायक प्रबंधक, 2 प्रबंधक सहित 4 उप महाप्रबंधकों का नवम्बर माह का वेतन रोक दिया गया है।  कंपनी के महाप्रबंधक संचारण संधारण वृत्त मुरैना पी.के.शर्मा ने बताया कि कंपनी के निर्देशानुसार वृत्त अंतर्गत पदस्थ सभी उप महाप्रबंधक से लेकर प्रबंधक स्तर तक के कार्मिकों को प्रतिमाह विद्युत कनेक्शन चेकिंग के लिए पदवार लक्ष्य निर्धारित किये गए हैं।

समीक्षा में इन कार्मिकों द्वारा दिए गए लक्ष्य के अनुरूप कार्य नहीं किये जाने नवम्बर माह के वेतन को निर्धारित लक्ष्य की पूर्ति होने तक रोकने की कार्यवाही की गई है। कंपनी द्वारा निर्धारित लक्ष्य की पूर्ति नहीं किये जाने पर दिसंबर माह में भी इसी प्रकार कार्यवाही की चेतावनी जारी की गई है। कंपनी के प्रबंध संचालक गणेश शंकर मिश्रा ने कहा है कि उपभोक्ताओं को कंपनी बेहतर से बेहतर सेवाएँ देने के लिए कृत-संकल्पित है और इसी दिशा में काम किया जा रहा है। उन्होंने मैदानी अधिकारियों से कहा है कि वे उपभोक्ता सेवाओं के साथ कंपनी हित के कार्य पूरी सजगता और निष्ठा से करें। उन्होंने कहा है कि कंपनी के कार्य निष्पादन में किसी भी लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

मप्र में बिजली की सर्वाधिक 15,860 मेगावाट की

मांग का 3 दिन में ही 2 बार बना नया रिकार्ड

ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने जानकारी दी है कि मध्यप्रदेश के इतिहास में पुनः सर्वाधिक बिजली की माँग का नया रिकार्ड तीन दिन में गत दिवस 30 नवम्बर को बना। इस दिन अब तक सर्वाधिक 15 हजार 860 मेगावाट बिजली की माँग रही। इससे पहले प्रदेश में 27 नवम्बर को बिजली की सर्वाधिक माँग 15 हजार 748 मेगावाट दर्ज हुई थी। प्रदेश में बिजली की सर्वाधिक माँग की शत-प्रतिशत आपूर्ति भी सुनिश्चित की गई। प्रदेश में दर्ज सर्वाधिक 18 हजार 860 मेगावाट बिजली की सर्वाधिक मांग में मध्यप्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी (जबलपुर, सागर एवं रीवा संभाग) में 4220 मेगावाट, मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी (भोपाल एवं ग्वालियर संभाग) में 4904 मेगावाट और पश्चि‍म क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी (इंदौर एवं उज्जैन संभाग) में 6398 मेगावाट दर्ज हुई। रेलवे को भी 339 मेगावाट बिजली दी गई।

प्रदेश में कैसे हुई बिजली सप्लाई

प्रदेश में 30 नवम्बर को जब बिजली की माँग 15 हजार 860 मेगावाट दर्ज हुई तो उस समय बिजली की सप्लाई में मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी के ताप एवं जल विद्युत गृहों का उत्पादन अंश 3585 मेगावाट, इंदिरा सागर-सरदार सरोवर-ओंकारेश्वर जल विद्युत परियोजना का अंश 1190 मेगावाट, सेंट्रल सेक्टर का अंश 4232 मेगावाट और आईपीपी का अंश 2564 मेगावाट रहा। विद्युत ऊर्जा उत्पादन के अन्य स्त्रोतों से प्रदेश को 4288 मेगावाट बिजली मिली।

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