मध्य प्रदेश

देशभर में ड्रायवर हड़ताल भोपाल, इंदौर, ग्वालियर जबलपुर में खड़ी की बसें, ट्रकों के भी पहिए थमे

भोपाल/नई दिल्ली

हिट एंड रन कानून के विरोध में ट्रकों के साथ बसों की भी हड़ताल शुरू हो गई है। देश भर में कई जगह ट्रक और बस ड्रायवरों ने वाहन खड़े कर दिए हैं। मध्यप्रदेश में अधिकतर जिलों में बसों के पहिए थमे हुए हैं। भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर समेत अन्य शहरों के स्टैंड से बसें नहीं चल रही हैं।

ड्राइवरों ने चक्काजाम की चेतावनी भी दी है। वे हिट एंड रन मामले में लागू नए कानून का विरोध कर रहे हैं, जिसमें 10 साल की सजा और 7 लाख रुपए जुर्माने का प्रावधान है। इसके अलावा ट्रक ड्रायवर्स ने भी रात 2 बजे से ट्रक खड़े कर दिए हैं। हड़ताल ट्रांसपोर्टर्स ने नहीं, बल्कि सिर्फ ड्रायवर्स ने की है। अभी इसमें चार्टर्ड और अन्य ड्राइवर्स शामिल नहीं हुए हैं।  ड्रायवरों का कहना है हम 10 साल की सजा नहीं भुगत सकते और न ही सात लाख रुपए जुर्माना भर सकते हैं।

भोपाल के 25 हजार वाहन थमे
राजधानी के 25 हजार से अधिक बस, ऑटो और ट्रक ड्राइवरों ने आज से केंद्र सरकार के नए आदेश को लेकर हड़ताल शुरू कर दी है। हड़ताल के कारण शहर के नादरा और आईएसबीटी में दर्जनों यात्री बसों के पहिए थमे रहे। इसी तरह, राजधानी में प्रवेश के सभी आठ मुख्य मार्गों यानी हाइवे में ट्रक ड्राइवरों के ट्रक खड़े कर दिए हैं। सभी ड्रायवर्स हिट एंड रन केस को लेकर केंद्र सरकार द्वारा लाए गए नए कानून के विरोध कर आंदोलन कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि प्रदेशभर में छह लाख से अधिक ट्रक और यात्री बस चालकों द्वारा इस नए कानून का विरोध किया जा रहा है।

यह है नया कानून, इसलिए हो रहा विरोध
हिट एंड रन केस को लेकर देश में पहले से कानून है, लेकिन अब केंद्र सरकार नया कानून लेकर लाई है। अभी तक हिट एंड रन में ड्राइवर की थाने से जमानत हो जाती है और साथ ही दो साल की सजा का प्रावधान भी है। अब इसमें नए कानून को लेकर एक्सीडेंट में मृत्यु होने पर वाहन चलाने वाले ड्राइवरों को अधिकतम 10 लाख रुपए का जुर्माना और 7 साल की सजा का प्रावधान रखा गया है। इस कानून के लागू होने के बाद से विरोध प्रदर्शन हो रहा है। ड्राइवर्स का कहना है कि एक्सीडेंट की घटनाएं जानबूझकर नहीं की जाती हैं, इसलिए नया कानून गलत है।

इस संबंध में कल होगी बड़ी बैठक
ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के अनुसार हड़ताल को लेकर कल यानी 2 जनवरी को देशभर के ट्रांसपोटर्स की एक बड़ी बैठक करने वाले हैं। इसमें आगे के लिए निर्णय लिए जाएंगे। इस नियम के आने के बाद भारी वाहन चालक अपनी नौकरियां छोड़ रहे हैं।

केंद्र सरकार को लिखा पत्र
ऑल मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस नई दिल्ली के चेयरमैन द्वारा पूरे देश से मिल रहे संकेतों को लेकर सक्रियता दिखाई है। उन्होंने ट्रक और यात्री बस चालकों की हड़ताल को लेकर इस संबंध में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र भी लिखा है, जिसमें कानून वापस लेने के लिए पुनर्विचार करने की बात लिखी है। अगर सरकार कानून वापस लेने से मना करती है, तो हम सब मिलकर आंदोलन के साथ चक्काजाम करेंगे।

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