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Russia: राष्ट्रपति चुनाव में लियोनिड स्लट्स्की, व्लादिस्लाव दावनकोव, निकोलाई खारितोनोव दे रहे पुतिन को चुनौती

मॉस्को.

रूस में बीती 15 मार्च से राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान हो रहा है। आज मतदान का आखिरी दिन है और आज ही नतीजे आने शुरू हो जाएंगे। रूस के राष्ट्रपति चुनाव पर दुनिया की नजरें टिकी हैं। पुतिन साल 1999 से रूस की सत्ता पर काबिज हैं और इस दौरान वह रूस के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री जैसे शीर्ष पदों पर रहे हैं। इस बार फिर पुतिन का रूस की सत्ता पर काबिज होना लगभग तय है, लेकिन इसके बावजूद कई नेता हैं, जो मुश्किल हालात में भी पुतिन को चुनौती दे रहे हैं

लियोनिड स्लट्स्की
लियोनिड स्लट्स्की का जन्म 4 जनवरी 1968 को हुआ था और वह रूस की प्रमुख राजनीतिक पार्टी लिबल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ रूस यानी एलडीपीआर के शीर्ष नेता हैं। वह साल 2022 से पार्टी का नेतृत्व कर रहे हैं और स्टेट ड्यूमा कमेटी के अंतरराष्ट्रीय मामलों के चेयरमैन हैं। लियोनिड स्लट्स्की 1999 से स्टेट ड्यूमा में शामिल हैं। स्लट्स्की ने ही रूस के यूक्रेन पर हमले के बाद शांति वार्ता में रूस का प्रतिनिधित्व किया था। स्लट्स्की कई विवादों में भी फंस चुके हैं, जिसमें साल 2018 में संसद में यौन उत्पीड़न के मामले में उनकी संलिप्तता के आरोप लगे थे। स्लट्स्की पर अमेरिका, कनाडा और यूरोप ने प्रतिबंध लगाए हुए हैं।

व्लादिस्लाव दावनकोव
दावनकोव रूस की न्यू पीपल पार्टी के नेता हैं और रूस की स्टेट ड्यूमा में साल 2021 से उपाध्यक्ष हैं। दावनकोव को उदारवादी नेता माना जाता है। दावनकोव, यूक्रेन के साथ शांति के समर्थक हैं और साथ ही गैरजरूरी सेंसरशिप के भी खिलाफ हैं। दावनकोव खुद को पुतिन का सबसे अच्छा विकल्प बताते हैं।

निकोलाई खारितोनोव
रूसी कम्युनिस्ट नेता निकोलाई खारितोनोव भी स्टेट ड्यूमा के सदस्य हैं और 1994 से ड्यूमा का हिस्सा हैं। निकोलाई आर्कटिक क्षेत्र के विकास के लिए बनी समिति के अध्यक्ष हैं। इससे पहले साल 2004 में भी खारितोनोव ने रूस के राष्ट्रपति का चुनाव लड़ा था और दूसरे नंबर पर रहे थे। अब एक बार फिर वह पुतिन को चुनौती दे रहे हैं।

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