छत्तीसगढ़

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अरविंद नेताम का इस्तीफा, प्रदेश नेतृत्व को लेकर कही ये बात…

रायपुर. प्रदेश नेतृत्व राज्य में आदिवासी समाज के लिए भारत रत्न बाबा साहब डॉ. भीम राव अम्बेडकर के द्वारा प्रदान संवैधानिक अधिकारों के विपरीत काम करने तथा पेसा कानून 1996 में आदिवासी समाज को जल, जंगल, जमीन में ग्रामसभा के अधिकारों को समाप्त कर दिया गया है, इस प्रकार से आदिवासी विरोधी सरकार है. अतः मैं आज विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर पार्टी के प्राथमिक सदस्यता से त्याग पत्र दे रहा हूं. केन्द्रीय नेतृत्व से मुझे हमेशा मार्गदर्शन एवं आर्शीवाद मिलता रहा है, उसके लिए पार्टी का आभार व्यक्त करता हूं.

सियासी गलियारों से बड़ी खबर सामने आई है. कांग्रेस के वरिष्ठ आदिवासी नेता अरविंद नेताम ने AICC और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष को अपना इस्तीफा भेजा है. नेताम सर्व आदिवासी समाज के संरक्षक हैं. वे इंदिरा और नरसिम्हा सरकार में मंत्री रह चुके हैं.

बता दें कि, अरविंद नेताम ने अपने पत्र में लिखा, मैं कांग्रेस पार्टी का क्रियाशील सदस्य हूं. 5 वर्ष पूर्व तत्कालीन अध्यक्ष राहुल गांधी के आह्वान पर कांग्रेस में वापस आकर अपने अनुभव से पार्टी को मजबूती प्रदान करने का हमेंशा प्रयास किया, लेकिन प्रदेश नेतृत्व के असहयोग रवैये के कारण मुझे निराशा हुई.

4 बार के सांसद अरविंद नेताम इंदिरा गांधी और नरसिम्हा राव सरकार में मंत्री रहे हैं. 1996 में उन्होंने कांग्रेस छोड़ी थी और फिर 1998 में कांग्रेस में लौट आए थे. 2012 में उन्होंने राष्ट्रपति चुनाव के दौरान आदिवासी नेता पीएम संगमा का समर्थन किया तो उन्हें फिर से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया. 2018 में नेताम ने दोबारा कांग्रेस प्रवेश किया था. नेताम बसपा, भाजपा और राकांपा के साथ अपनी राजनीतिक पारियां खेल चुके हैं.

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