मध्य प्रदेश

भोपाल में मिला हिमालय में रहने वाला दुर्लभ पक्षी

भोज वेटलैंड चौथी शीतकालीन पक्षी गणना में 155 प्रजाति के 30 हजार से भी ज्यादा पक्षी हुए चिह्नित

भोपाल। राजधानी भोपाल में इस बार हुई चौथी भोज वेटलैंड शीतकालीन पक्षी गणना में नौ राज्यों के 210 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। इसमें 155 प्रजाति के 30 हजार से भी ज्यादा पक्षी चिह्नित किए गए। इस गणना में दुर्लभ पक्षी फायर कैप्ड टिट (रक्तसिर चिचिलकोटे) को भी चिह्नित किया गया। सिर पर लाल निशान के कारण इसे फायर कैप्ड टिट कहा जाता है। आमतौर पर यह 1800 से 2600 मीटर की ऊंचाई पर अपना घोंसला बनाते हैं। हिमालय के तराई क्षेत्रों में रहने वाला यह पक्षी 10 सेंटीमीटर का होता है, जो ठंड के दौरान प्रवास पर रहता है। इसके अलावा इस बार की गणना में संकटग्रस्त प्रजातियों में सारस क्रेन, पेंटेड स्टार्क, ओरिएंटल डार्टर, अलेक्सेंड्रिन पैराकीट, ब्लैक हेडेड आइबिस पक्षी भी मिले हैं।

गणना के दौरान यह पक्षी भी किए गए  चिन्हित

ज्ञात हो कि, शीतकाल में स्थानीय प्रजातियों सहित यूरोप और हिमालय के तराई क्षेत्रों में प्रवास करने वाले 155 प्रजाति के 30 हजार से भी ज्यादा पक्षी भोपाल पहुंचे हैं। यह पक्षी मुख्य रूप से रामसर साइट बड़ा तालाब के आसपास के संरक्षित क्षेत्र में अपना डेरा डाले हुए हैं और ग्रीष्मकाल के पूर्व तक रुकते हैं। रेड क्रेस्टेड पोचार्ड, कामन पोचार्ड, रेड नेपड आइबिस, नार्थेर्न शोवलर, कामन टील, ब्लैक हेडेड बंटिंग, रेड हेडेड बंटिंग, ब्रह्मिनी शेल्डक, ब्लू थ्रोट, लैसर वाइट थ्रोट, ग्रीन सैंडपीपर, ब्राउन हेडेड गल्ल, ब्लैक हेडेड गल्ल, पर्पल हेरान, लार्ज कोर्मोरेंट, साइबेरियन स्टोन चैट, कामन चिफचैफ, यूरेशियन कूट, स्पाट बिल डक, लैसर व्हिस्लिंग डक, ग्लासी आइबिस, रेड स्टार्ट, कामन स्निप, यूरेशियन रायनेक, ग्रे लेग गूस, इंडियन थिकनी आदि।

प्रजनन के बाद प्रवास पर आता है फायर कैप्ट टिट: पक्षी विशेषज्ञ मो. खालिक

पक्षी विशेषज्ञ मोहम्मद खालिक ने बताया कि फायर कैप्ट टिट का रहवास मूल रूप से हिमालय की श्रृंखलाओं पर होता है। ग्रीष्म काल में यह समुद्री तल से 1800 से 2600 मीटर की ऊंचाई पर अपने घोंसले तैयार करता है और उसी दौरान प्रजनन भी करता है। यह पक्षी बारिश और तेज ठंड की शुरुआत होते ही प्रवास पर निकल पड़ता है। भोपाल में कई वर्षों बाद यह पक्षी नजर आया है।

चौथी भोज वेटलैंड शीतकालीन पक्षी गणना का समापन

मध्य प्रदेश राज्य वेटलैंड अथारिटी, वन विहार राष्ट्रीय उद्यान और वीएनएस नेचर सेवियर्स के सहयोग से चौथी भोज वेटलैंड शीतकालीन पक्षी गणना का रविवार को समापन हुआ। डॉ. संगीता राजगीर, मो. खालिक, डा. विपिन धोटे, कृताली चिंदरकर, अंकित मालवीय मुख्य रूप से गणना में शामिल रहे। अंतिम दिन राजभवन के विशेष कर्त्तव्यस्थ अधिकारी अरविंद पुरोहित ने प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरित किए। इस बार के पांच चरणों में आयोजित पक्षी गणना कार्यक्रम में मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, हरियाणा, बिहार, केरल, असम और कर्नाटक के 210 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया।

Back to top button