राजस्थान

देश के दोनों सदन राजस्थान चला रहे, गर्व की बात; संसदीय लोकतंत्र में मेरी गहरी आस्था रही- राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू

जयपुर। राष्ट्रपति ने इस दौरान उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और स्पीकर ओम बिराल का नाम लिया. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति भवन में लगे अधिकांश पत्थर राजस्थान से ही गए हैं. राष्ट्रपति मुर्मू ने ‘पधारो म्हारो देश’ गीत का भी उल्लेख किया. इसके साथ ही राष्ट्रपति ने चंदबरदाई के पृथ्वीराज रासो, मीराबाई, पृथ्वीराज चौहान, महाराणा प्रताप व राणा सांगा को याद किया, साथ ही चित्तौड़गढ़ के विजय स्तंभ का भी उल्लेख किया.

पन्‍द्रहवीं राजस्‍थान विधान सभा के आठवाँ सत्र का आज से आगाज हो गया है. राजस्थान विधानसभा के लिए आज गौरवशाली और ऐतिहासिक पल रहा. 15वीं विधानसभा के 8वें और अंतिम सत्र में पहली बार राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू सदन को संबोधित किया. विधानसभा में राष्ट्रपति मुर्मू ने अपने संबोधन की शुरुआत राजस्थानी भाषा से की. उन्होंने कहा कि राजस्थान के लिए गौरव की बात है कि संसद के दोनों सदनों की अध्यक्षता राजस्थान के प्रतिनिधि द्वारा की जा रही है.

राष्ट्रपति मुर्मू ने कालीबाई, गोविंद गुरु के बलिदान को भी याद किया. राष्ट्रपति ने आदिवासियों के महाकुंभ मानगढ़ धाम का भी उल्लेख किया. राष्ट्रपति ने मोहनलाल सुखाड़िया व भौरोंसिंह शेखावत को याद किया. राष्ट्रपति ने सभी विधायकों को कहा कि हम कितने भाग्यशाली है. जनता ने आपको विधानसभा में भेजा है. जनता प्यार देती है तो बार-बार चुन कर भेजती है. जनता अपने जनप्रतिनिधि को फॉलो करते हैं. कई बार तो हाथ पर बंधे धागे को भई फॉलो करते हैं. आज का युग कम्प्यूटर व मॉडर्न टेक्नोलॉलीज का है. मैं सभी से गुजारिश करती हूं कि चाल-चलन व विचार से जनता के लिए सोचना चाहिए. राष्ट्रपति के भाषण पर विधायकों ने मेजे थपथपाई.

Back to top button