लखनऊ/उत्तरप्रदेश

पुलिस ने पकड़ा बच्चा चोर गैंग: चार महिलाओं सहित 6 लोग गिरफ्तार; 7 दिन की नवजात बच्ची बरामद

मुरादाबाद. मुरादाबाद के एसएसपी हेमराज मीणा ने बताया कि इन लोगों ने आगरा, कलकत्ता और मुंबई में बच्चे बेचे जाने की बात कबूली है। इन सभी की छानबीन की जा रही है। गैंग सिर्फ नवजात बच्चों को ही चोरी करता था। ऐसा इसलिए क्योंकि, नवजात बच्चों की शक्ल तेजी से बदलती है और कुछ दिन बाद ही उनकी पहचान कर पाना बेहद मुश्किल हो जाता है।

उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद पुलिस ने अंतर्राज्यीय बच्चा चोर गैंग का भंडाफोड़ करते हुए चार महिलाओं समेत 6 लोगों को गिरफ्तार किया है। इनके पास से सात दिन की एक नवजात बच्ची बरामद की गई है। जिसे दिल्ली के दंपति को 3 लाख रुपये में बेचा जाना था। ये गैंग अभी तक 6 नवजात बच्चों को बेच चुका है। गैंग लीडर दीपमाला फरार हैं। पुलिस ने शबनम, गीता, नीतू और साज़िया के साथ यूनुस और गौरव कुमार को जेल भेज दिया हैं।

बच्चों के खरीदार निःसंतान दंपति भी नवजात की ही डिमांड करते थे। गैंग की लीडर दीपमाला मुंबई में रहती है। गैंग उसी की डिमांड पर काम करता था। गैंग लीडर निःसंतान दंपतियों को सर्च करती थी। वहां डील डन होने पर गैंग को नवजात बच्चा चोरी करने का टास्क देती थी। नवजात बच्चों की डिमांड बढ़ने पर गैंग ने ऐसे गरीब दंपतियों को भी चिन्हित करना शुरू कर दिया था, जिन पर पहले से कई बच्चे हों और वो बच्चों को पालने पोसने में असमर्थ हों।

पुलिस ने गैंग में शामिल शबनम पति यूनुस निवासी हिमगिरी कालोनी मुरादाबाद, गीता रानी पुत्री स्व. रामगोपाल निवासी मोहल्ला चंद्र नगर मुरादाबाद, नीतू पत्नी अश्वनी निवासी हरथला कालोनी मुरादाबाद, साजिया पुत्री लाडले पठान निवासी कांशीराम कालोनी मुरादाबाद को गिरफ्तार किया है। इसके अलावा मौ. यूनूस बढ़ई पुत्र शहजाद हुसैन निवासी हिमगिरी मुरादाबाद और गौरव कुमार आदर्श कालोनी मुरादाबाद भी पकड़ा गया है।

गैंग में शामिल गीता रानी ने पुलिस पूछताछ में बताया कि वो लोग मुंबई से अपनी लीडर दीपमाला की डिमांड आने पर ही नवजात को चोरी करते थे। उसकी डिमांड बढ़ती जा रही थी इसलिए हमने ऐसे दंपतियों को चिन्हित करना शुरू कर दिया था जिन पर पहले से कई बच्चे हों। ऐसी गर्भवती महिलाओं को हम सरकारी अस्पतालों से ही ट्रेस कर लेते थे। फिर उनसे हमदर्दी बढ़ाकर और उनकी छोटी मोटी मदद करके उनसे नजदीकी बढ़ा लेते थे। ताजा मामले में भी उन्हें पता चल गया था कि बहादुर की मां चौथी पोती नहीं चाहती है। इसलिए उन्होंने उससे नजदीकी बढ़ाई तो उसे मना लिया था कि उसकी बहू ने चौथी बार भी पोती को जन्म दिया तो वो हमें गोद दे देगी।

गैंग के कब्जे से पुलिस ने 7 दिन की जिस बच्ची को बरामद किया है। उसका सौदा दिल्ली के दंपति से 3 लाख रुपये में हुआ था। गैंग शुक्रवार को इस नवजात बच्ची को डिलीवर करने दिल्ली जाने की फिराक में था। समय पर पुलिस ने इसे धर दबोचा। पूछताछ में गैंग के सदस्यों ने बताया कि उन्हें बच्ची लाकर देने की एवज में 30 हजार रुपये एडवांस मिल चुके थे। बाकी की रकम बच्चे की डिलीवरी देने के बाद मिलनी थी।

गैंग की महिला सदस्यों ने पुलिस पूछताछ में बताया कि मुंबई में बैठी गैंग लीडर के साफ निर्देश थे कि सिर्फ नवजात बच्चों को ही चोरी या अरेंज किया जाए। जिनकी उम्र 5 दिन से अधिक न हो। तुरंत जन्मा कुछ घंटों का बच्चा हाई डिमांड में था। इसके अलावा अगर नवजात लड़का हो तो रकम तुरंत डबल हो जाती थी। गैंग ने बताया कि बच्चा लेने वाले इसलिए नवजात की डिमांड करते हैं कि नवजात होने की वजह से वो अपने रिलेशन और सर्कल में भी यही बात कह पाते हैं कि उन्होंने खुद बच्चे को जन्म दिया है।

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